आखिर बसपा चीफ मायावती को क्यों कहना पड़ा, `मेरे रिश्तेदार भी मतलबी`
बसपा सुप्रीमो मायावती ने रविवार को भितरघातियों और साथ छोड़कर विरोधी खेमे में चले गए लोगों से अपने वोटरों को सावधान किया है.. बसपा चीफ ने अपने ट्वीट के जरिए विरोधियों पर निशाना साधा है..
लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (Bahujan samaj party) सुप्रीमो और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती (BSP Chief Mayawati) ने भितरघातियों और विरोधियों पर जमकर सियासी तीर चलाए हैं. बसपा चीफ मायावती ने रविवार को एक के बाद एक तीन ट्वीटकिए हैं. मायावती ने अपने विरोधियों पर सियासी हमले किए हैं. मायावती ने लिखा कि बीएसपी को कमजोर करने के लिए जातिवादी ताकतें परदे के पीछे से साजिश कर रही हैं.
उन्होंने अपने पहले ट्वीट में लिखा-दलित व उपेक्षितों में भी स्वार्थी लोगों की कमी नहीं है, जिसमें मेरे कुछ रिश्तेदार भी हैं व एक ऐसा है जो मेरी गैरहाजिरी में मेरे दिल्ली निवास पर CBI छापे के बाद परिवार सहित चला गया, तबसे ही छोटा भाई आनंद सरकारी नौकरी छोड़कर परिवार के साथ मेरी सेवा व पार्टी कार्य में लगा है।
उन्होंने इस ट्वीट के जरिए अपने भाई आनंद की जमकर तारीफ की है.
उन्होंने अपने दूसरे ट्वीट में लिखा-जबकि इन स्वार्थी किस्म के लोगों ने खासकर बामसेफ और डीएस4 आदि के नाम पर अनेकों प्रकार के कागजी संगठन बनाए हुए हैं जो सामाजिक चेतना पैदा करने की आड़ में अपना स्वार्थ सिद्ध कर रहे हैं और अब यही काम बीएसपी में कुछ निष्क्रिय हुए लोग भी दूसरे तरीके से कर रहे हैं, यह दुर्भाग्यपूर्ण।
बहुजन समाज पार्टी (Bahujan Samaj Party) की मुखिया और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने तीसरे ट्वीट में लिखा-इस प्रकार से बीएसपी को कमजोर करने हेतु जातिवादी शक्तियाँ यहाँ पर्दे के पीछे से यह सब षडयन्त्र करती रहती हैं। साथ ही, उनसे कागजी पार्टियाँ बनवाकर चुनाव में दलित व शोषितों का वोट बांटने की घातक कोशिश करती हैं। ऐसे में पार्टी व मूवमेन्ट के हित में इन सभी से सावधान रहने की अपील।
गौरतलब है कि मायावती के भाई आनंद कुमार के बेटे आकाश को उनका सियासी वारिस माना जाता है. और आज मायावती ने अपने ट्वीट के जरिए अपने भाई आनंद की जमकर तारीफ की है.
राष्ट्रपति के लिए मायावती ने किया द्रौपदी मुर्मू का समर्थन
मायावती ने राष्ट्रपति पद के लिए एनडीए प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) को समर्थन देने का ऐलान किया है. मायावती ने कहा है कि हमने यह फैसला न तो बीजेपी या एनडीए (NDA) के समर्थन में लिया है और न ही विपक्ष के खिलाफ, बल्कि अपनी पार्टी और आंदोलन को ध्यान में रखते हुए लिया है.
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