Bullet Train in Varanasi : वाराणसी । भारत की दूसरी बुलेट ट्रेन का तोहफा उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) को मिलेगा. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Railway Minister Ashwini Vaishnav) ने शुक्रवार को काशी दौरे पर बताया कि काशी से नई बुलेट ट्रेन चलाने की संभावना पर सर्वे रिपोर्ट तैयार की जा रही है. ये प्रस्तावित हाई स्पीड रेल कॉरिडोर ग्रेटर नोएडा, नोएडा, आगरा, लखनऊ(Lucknow) , प्रयागराज, वाराणसी समेत 12 देशों से होकर गुजरेगा. माना जा रहा है कि सर्वे रिपोर्ट आ जाती है तो 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले इस पर काम शुरू हो सकता है. 


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दिल्ली-वाराणसी हाई स्पीड रेल कॉरिडोर पर काम होगा
दिल्ली-वाराणसी हाई स्पीड रेल कॉरिडोर (Delhi Varanasi High Speed Rail Corridor) 958 किलोमीटर लंबा होगा. इसके बीच 13 स्टेशन होंगे. इसमें 12 उत्तर प्रदेश के होंगे. लखनऊ से अयोध्या को जोड़ने वाला 123 किलोमीटर लंबा रेलमार्ग भी होगा. इस पूरे प्रोजेक्ट पर करीब 1 लाख 71 हजार करोड़ रुपये की लागत आएगी. ये हाईस्पीड रेल कॉरिडोर दिल्ली, नोएडा, जेवर एयरपोर्ट, मथुरा, आगरा, न्यू इटावा, साउथ कन्नौज, लखनऊ,अयोध्या, रायबरेली, प्रयागराज, न्यू भदोही और वाराणसी के बीच होगा.


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देश का पहला बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट मुंबई से अहमदाबाद के बीच है, जिस पर निर्माण कार्य जारी है.रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का कहना है कि देश में कई अन्य स्थानों पर बुलेट ट्रेन चलाई जानी हैं. वाराणसी में इसके लिए सर्वे कार्य चल रहा है. वैष्णव ने काशी स्टेशन (Kashi station) और राजघाट ब्रिज (Rajghat bridge) का भी मुआयना किया.रेल मंत्री के मुताबिक, 350 करोड़ रुपये की लागत से वाराणसी जिले के काशी स्टेशन का आधुनिकीकरण भी कराया जाएगा. इसमें काशी के मंदिरों की संस्कृति और विरासत की भी झलक मिलेगी.



काशी स्टेशन को हवा यानी हवाई अड्डों और पानी (जहाज) से जोड़ने की संभावना को भी परखा जा रहा है. रेलवे में आधुनिकीकरण की योजनाओं पर तेजी से काम कर रहे वैष्णव ने कहा कि डिजाइन फाइनल होते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंजूरी के साथ काम आगे बढ़ाया जाएगा. पीएम मोदी (PM Modi) वाराणसी से लोकसभा सांसद (Varanasi parliamentary constituency) भी हैं.


काशी में पानी के जहाजों की आवाजाही पर वैष्णव ने बताया कि 2-3 साल में गंगा नदी में जहाजों से यात्रा और माल ढुलाई पर काम तेजी से आगे बढ़ेगा. वैष्णव ने राजघाट ब्रिज के निरीक्षण के वक्त कहा, चार रेल ट्रैक वाला नया पुल और छह लेन का हाईवे भी गंगा पर जल्द बनाया जाएगा. रेलवे इस वक्त रोजाना 12 किलोमीटर का रेल ट्रैक बिछा रहा है, जो रिकॉर्ड रफ्तार है. 



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