कुलदीप नेगी/देहरादून: मसूरी एलबीएस अकादमी में शुरू हुए चिंतन शिविर में उत्तराखंड के मुख्य सचिव एसएस संधु ने बातों ही बातों में अफसरशाही को भी नसीहत दे डाली. उन्होंने बातों बातों में अधिकारियों को नसीहत भी खूब दी. मुख्य सचिव ने कहा कि सबसे बड़ी चीज है पॉजिटिव होना. ह्यूमन साइकोलॉजी है कि जब हम किसी को नो कहते हैं ईगो बढ़ती है , कि मेरी पावर है, मैं इसे नो कह सकता हूं , इसे रोक सकता हूं. और ज्यादातर इसी सिंड्रोम के शिकार हैं. कोई आए पहले नो ही होता है. जब आप यस कहते हो तो ईगो खत्म हो जाती है.


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कितनो ने ईगो को कंट्रोल कर लिया है, कितनों ने नहीं किया है. ये आप सभी को स्वयं चिंतन करना है. बहुत अधिकारी ऐसे हैं कि आधी बात हुई नहीं कि नो कह देना. हां कहिए उसकी कोशिश कीजिए और अगर नहीं होता तो से बता दीजिए, इस कारण से दिक्कत आ रही कि नहीं कर सकते. आपको तनख्वाह चीजें करने के लिए मिलती है न कि रोकने के लिए. नियम हमने बनाए हैं और अगर विषय बड़ा है तो नियम बदल लें. मुख्यमंत्री जी का पॉजिटिव अप्रोच है. एक मिनट में तो हम कैबिनेट से अप्रूव करवा देते हैं. नियम और शासनादेश बदलना हमारे हाथ में है लेकिन हम कोड किए जा रहे हैं. ये नहीं हम कोशिश करते हैं कि प्रस्ताव अच्छा है, इससे जनता को फायदा होना है. 


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मंगलवार को शुरू हुए तीन दिवसीय चिंतन शिविर में सीएम पुष्कर सिंह धामी भी शिरकत कर चुके हैं. मंगलवार को उन्होंने अधिकारियों को नसीहत देते हुए विकास कार्यों को लेकर विभागों में समन्वय हो, न कि वह फुटबॉल की तरह अलग-अलग विभाग में घूमते रहें. उन्होंने अधिकारियों से कहा फाइलों में अपना मत जरुर लिखें.


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