Gadha Mela In Chitrakoot : एक से डेढ़ लाख में बिक रहे 'सलमान' और 'ऋतिक', चित्रकूट के 300 साल पुराने गधे के मेले में बॉलीवुड सितारों की धूम
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Gadha Mela In Chitrakoot : एक से डेढ़ लाख में बिक रहे 'सलमान' और 'ऋतिक', चित्रकूट के 300 साल पुराने गधे के मेले में बॉलीवुड सितारों की धूम

 चित्रकूट में दीपावली के अगले दिन यानी जमघट के दिन मंदाकिनी नदी के किनारे ऐतिहासिक गधे के मेले का आयोजन किया जाता है. इस बार मेले में शामिल होने के लिए मध्‍य प्रदेश, छत्‍तीसगढ़ समेत बिहार प्रांत के व्‍यापारी चित्रकूट पहुंचे हैं. 

 

 

Gadha Mela In Chitrakoot : एक से डेढ़ लाख में बिक रहे 'सलमान' और 'ऋतिक', चित्रकूट के 300 साल पुराने गधे के मेले में बॉलीवुड सितारों की धूम

चित्रकूट : चित्रकूट में धनतेरस से भैया दूज तक 'दीपदान उत्सव' मनाया जाता है. इसी उत्‍सव के तहत यहां दीपावली के अगले दिन यानी जमघट के दिन मंदाकिनी नदी के किनारे ऐतिहासिक गधे के मेले का आयोजन किया जाता है. इस बार इस उत्‍सव में शामिल होने के लिए आसपास के जिलों से लाखों लोग चित्रकूट पहुंचे हैं. इस मेले में सलमान, शाहरुख, रणबीर और ऋतिक भी आते हैं. इन नामों को पढ़कर चौंकिए मत. दरअसल मेले में बिकने आए गधों का नाम बॉलीवुड के सितारों के नाम पर रखा जाता है. 

मुगल शासक औरंगजेब ने मेले की शुरुआत की 
इस बार मेले में मध्‍य प्रदेश, बिहार और यूपी समेत छत्‍तीसगढ़ से व्‍यापारी यहां पहुंचे हैं. वहीं हजारों की संख्‍या में गधे लाए गए हैं. यही वजह है कि गधे के मेले में रौनक बनी है. यहां गधे खरीदने और बेचने वालों से ज्‍यादा भीड़ देखने वालों की लगती है. मेले की व्‍यवस्‍था की जिम्‍मेदारी नगर पंचायत को दी जाती है. इस​ मेले की शुरुआत मुगल बादशाह औरंगजेब ने की थी. 

बॉलीवुड सितारों के नाम से होती है गधों की पहचान 
औरंगजेब ने चित्रकूट के इसी मेले से अपनी सेना के बेड़े में गधों और खच्चरों को शामिल किया था. इसलिए इस ​मेले का ऐतिहासिक महत्व है. इस मेले में एक लाख तक के गधे बिकते हैं. व्यापारियों ने बताया कि यहां गधों की पहचान फिल्मी कलाकारों के नाम से होती है. बॉलीवुड सितारों का नाम देने से गधों की बिक्री बढ़ जाती है. 

सुविधाओं का है टोटा
मुगल काल से चली आ रही ये परंपरा सुविधाओं के अभाव में अब लगभग खात्मे की कगार पर पहुंच गई है. नदी के किनारे भीषण गंदगी के बीच लगने वाले इस मेले में व्यापारियों को ना तो पीने का पानी मुहैया कराया जाता है और ना ही किसी अन्‍य तरह की सुविधा. दो दिवसीय इस मेले में सुरक्षा के नाम पर भी लापरवाही बरती जाती है. 

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