मुलायम-अखिलेश पर तंज कसते हुए CM योगी का एलान, 13 नवंबर को आजमगढ़ विश्वविद्यालय का शिलान्यास
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, आजमगढ़ ने पहले भी एक पूर्व मुख्यमंत्री (मुलायम सिंह यादव) को अवसर दिया था. फिर दोबारा एक पूर्व मुख्यमंत्री (अखिलेश यादव) को अवसर दिया. लेकिन आजमगढ़ को पहचान का संकट हो गया. हम आजमगढ़ को विश्वविद्यालय और मेडिकल कॉलेज देने जा रहे हैं.
गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को अपने गृह नगर गोरखपुर में था. यहां उन्होंने योगीराज बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह में आयोजित भाजपा गोरखपुर क्षेत्र के मंडल अध्यक्षों व मंडल प्रभारियों की बैठक को संबोधित किया. इस दौरान मुख्यमंत्री योगी ने आजमगढ़ में 13 नवंबर को विश्वविद्यालय (Azamgarh University Foundation Laying) के शिलान्यास की घोषणा भी की. उन्होंने समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव और राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पर निशाना साधा.
आजमगढ़ में 13 नवंबर को विश्वविद्यालय का शिलान्यास
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, आजमगढ़ ने पहले भी एक पूर्व मुख्यमंत्री (मुलायम सिंह यादव) को अवसर दिया था. फिर दोबारा एक पूर्व मुख्यमंत्री (अखिलेश यादव) को अवसर दिया. लेकिन आजमगढ़ को पहचान का संकट हो गया. हम आजमगढ़ को विश्वविद्यालय और मेडिकल कॉलेज देने जा रहे हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 13 नवंबर को गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में एक बड़ी रैली होगी, इसी दिन आजमगढ़ में विश्वविद्यालय (Azamgarh University) की आधारशिला रखी जाएगी. आपको बता दें कि वर्तमान में अखिलेश यादव आजमगढ़ से लोकसभा सांसद हैं. उनसे पूर्व उनके पिता मुलायम सिंह यादव इस सीट से लोकसभा सदस्य थे.
भाजपा मंडल अध्यक्षों व मंडल प्रभारियों बैठक में कार्यकर्ताओं को चुनावी मंत्र देते है सीएम योगी ने कहा कि सरकार की लोक कल्याणकारी योजनाओं को लेकर जनता के बीच मुखर होना होगा. निष्ठा के साथ नीयत साफ हो तो नियंता भी नीति को सफल बनाने में योगदान देते हैं. अयोध्या में जन्मभूमि पर भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर का हो रहा निर्माण इसका प्रमाण है. नेतृत्व के प्रति अगाध निष्ठा, साफ नीति-नीयत और संस्थापकों के आदर्शों-मूल्यों का सम्मान करते हुए ही भाजपा आज दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बनी है.
सीएम योगी ने 30 अक्टूबर 1990 की घटना को याद किया
सीएम योगी ने बैठक के दौरान मुलायम सिंह यादव के मुख्यमंत्रित्व काल में अयोध्या में 30 अक्टूबर 1990 को घटित हुई घटना को याद किया. उन्होंने कहा, 31 वर्ष पूर्व आज ही के दिन श्रीराम मंदिर आंदोलन के दौरान निर्मम और बर्बर गोलीकांड हुआ था. इस घटना की प्रत्येक नागरिक ने निंदा की थी, लेकिन सेक्युलरिज्म के नाम पर सामाजिक ताने बाने को छिन्न-भिन्न करने वाले मौन थे या तुष्टिकरण की नीति पर चलकर इस घटना को जायज ठहराने का कुत्सित प्रयास कर रहे थे.
'दीपोत्सव' मंदिर आंदोलन के अमर रामभक्तों को श्रद्धांजलि
उन्होंने कहा कि 9 नवंबर 2019 को सर्वोच्च न्यायालय ने मंदिर निर्माण के पक्ष में फैसला सुनाया तो 30 अक्टूबर 1990 को रामभक्तों व कारसेवकों पर गोलियां चलवाने वालों का आपराधिक कृत्य भी उजागर हो गया. मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 से अयोध्या में शुरू किया गया 'दीपोत्सव' रामनगरी की महिमा के सम्मान के साथ ही मंदिर आंदोलन के अमर रामभक्तों को श्रद्धांजलि भी है. मुख्यमंत्री ने कहा कि 2014 में देश की जनता ने प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी पर विश्वास किया. यह विश्वास 2019 में फिर दोहराया. दुनिया का भारत के प्रति नजरिया बदला है. अब तो असंभव कहे जाने वाले कार्य भी हो रहे हैं.
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