लखनऊ: समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता यूपी विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर काफी आशाएं पाले बैठे हैं. शायद इसीलिए राजधानी लखनऊ में सपा कार्यालय के बाहर अखिलेश की फोटो के साथ डिजिटल काउंटडाउन वाला पोस्टर लगा है, जिस पर लिखा है ''मैं आ रहा हूं''. पोस्टर के मुताबिक समाजवादी पार्टी 145 दिन बाद यूपी की सत्ता में वापसी कर रही है और अखिलेश यादव मुख्यमंत्री बनने वाले हैं. यह पोस्टर सपा नेता जयराम पांडेय की ओर से लगवाया गया है.


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योगी ने समझाया सपा के 'मैं आ रहा हूं' का मतलब
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को भाजपा के सामाजिक प्रतिनिधि सम्मेलन में सपा के इस पोस्टर पर तंज कसा. उन्होंने  'मैं आ रहा हूं' का मतलब समझाते हुए कहा- वह (अखिलेश यादव) अपरहण, अराजकता लूटपाट के लिए आ रहे हैं. यह सब हम नहीं चलने देंगे. सपा के विज्ञापन 'मैं आ रहा हूं' का मतलब अपहरण, गुंडागर्दी और प्रदेश के अंदर अराजकता ही है कि हम आ रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि अब यह नहीं हो पाएगा, यूपी अब बदल चुका है.


SP सरकार में आतंकियों के मुकदमे वापस होते थे
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, साल 2012 में सपा की सरकार बनने पर पहला काम हुआ, रामजन्मभूमि पर आतंकी हमला करने वालों का मुकदमा वापस लिया गया. फिर कोसीकलां का दंगा हुआ. आज इन सबके चरित्र को समझने की जरूरत है. इसके बाद तो अंतहीन सिलसिला शुरू हो गया. हर तीसरे दिन एक दंगा होने लगा था. जब 2017 में हमारी सरकारी आई तो हमने सबसे पहला काम क्या किया, किसानों का कर्ज माफ किया. मां बेटी और बहन की सुरक्षा के लिए एंटी रोमियो दस्ते का गठन किया. 


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूर्व सीएम कल्याण सिंह को याद करते हुए कहा, ''बाबूजी के अंतिम संस्कार और ब्रह्मभोज में मुझे जाने का अवसर मिला. लोकनेता कैसा होता है यह बाबूजी के लिए उमड़े जनसैलाब से पता चलता है. उन्होंने अपना पूरा सार्वजनिक जीवन देश और धर्म के समर्पित कर दिया. एटा में मेडिकल कॉलेज बनेगा कोई सोच नहीं सकता था. यह बाबूजी का सपना था. कल्याण सिंह अपने परिवार के लिए नहीं देश और धर्म के लिए जिये. 


किसी पार्टी की छवि का आकलन संकट के समय होता है
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, किसी पार्टी की छवि का आकलन करना हो तो संकट के समय किया जाता है. कोरोना महामारी में या तो स्वयंसेवक संघ काम कर रहा था या फिर उत्तर प्रदेश सरकार या भाजपा कार्यकर्ता कर रहा था. बाकी सब आइसोलेशन में चले गए थे. समाजवादी पार्टी और बसपा से पूछा जाना चाहिए कि उन्होंने अपने कालखंड में क्या किया. हमारे कालखंड में कानून व्यवस्था की स्थिति बेहतर हुई, निवेश आया, नौजवान की नौकरी लग रही है. पहले नौकरी सिर्फ एक परिवार के लिए था.


पहले जाति-मजहब देखकर योजनाओं का लाभ मिलता था
सीएम ने कहा कि पहले जाति और धर्म देखकर सरकारी योजनाओं आवास मिलता था. आज 42 लाख लोगों को आवास मिला है, बिना जाति और धर्म देखे. यूपी में 2 करोड़ 61 लाख शौचालय बने हैं. गांव में सामुदायिक शौचालय बन रहे हैं. कोरोना काल में मुफ्त राशन मिल रहा है. प्रधानमंत्री देश को परिवार मानकर काम कर रहे हैं. पहले होड़ लगता था कि कौन कितने इफ्तार पार्टी दे सकता है. आस्था को कैद कर लिया जाता था. आज आस्था के आगे कोरोना भी पस्त हो गया है. सबने दशहरा मनाया और दीवाली मनाने की तैयारी है.


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