श्रीपंचखंड पीठ में चादरपोशी कार्यक्रम में शामिल हुए सीएम योगी, आचार्य धर्मेंद्र को दी श्रद्धांजलि
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रामजन्म भूमि आंदोलन के आइकॉन रहे आचार्य धर्मेंद्र के जीवन से जुड़े प्रेरक प्रसंग साझा किए हैं. आचार्य धर्मेंद्र को श्रद्धांजलि अर्पित करने जयपुर के पंचखंड पीठ पहुंचे सीएम योगी ने राम जन्म भूमि आंदोलन को लेकर कई अहम बातें कही.
अजीत सिंह/लखनऊ: सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Aditayanth) गुरुवार को राजस्थान में जयपुर के विराटनगर स्थित पावनधाम श्री पंचखंड पीठ पहुंचे. यहां वह आचार्य धर्मेंद्र (Acharya Dharmendra) महाराज के त्रयोदश कार्यक्रम में शामिल हुए. सीएम ने कहा कि श्रीपंचखंड पीठ की हमेशा सभी सामाजिक एवं धार्मिक आंदोलनों में अग्रणी भूमिका रही है. भारत विभाजन के समय विरोध करने के लिए देश के पूज्य संतों के नेतृत्व में जो आंदोलन चल रहा था. उसमें भी इस पीठ की अहम भूमिका थी. महात्मा रामचंद्र वीर जी महाराज व स्वामी आचार्य धर्मेंद्र महाराज आंदोलन में कूद पड़े थे. इस दौरान स्वामी सोमेंद्र शर्मा का चादरपोशी कार्यक्रम किया गया.
गोरक्षपीठ से आचार्य धर्मेंद्र का था लगाव
गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आचार्य धर्मेंद्र का गोरक्षपीठ से तीन पीढ़ियों से गहरा संबंध था. गोरक्षपीठ से जब भी उन्हें निमंत्रण मिलता था, वह वहां पहुंचते थे. उनके मन में सदैव अपनत्व का भाव झलकता था. सीएम योगी ने कहा कि आचार्य धर्मेंद्र जी महाराज के श्रीचरणों में नमन करते हुए गोरक्षपीठ व सनातन हिंदू धर्म के अनुयायियों की तरफ से नमन व श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं.
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राम जन्म भूमि संतों का आंदोलन
सीएम ने कहा कि श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन 1949 से प्रारंभ होकर 1983 में रामजन्मभूमि समिति के गठन के साथ बढ़ता गया. देश में इस आंदोलन को विश्व हिंदू परिषद (Vishwa Hindu Parishad) के नेतृत्व में संतों ने धार दी थी. लोग कहते थे कि कोई परिणाम नहीं आने वाला है. पर हम तो भगवान श्रीकृष्ण के ''कर्मण्येवाधिकारस्ते, मां फलेषु कदाचन'' के भाव पर विश्वास करते हैं. हम फल की इच्छा नहीं, कर्म पर विश्वास करते हैं. संतों ने अपने आंदोलन से इसे साबित किया, इसलिए परिणाम आना ही था. आज अयोध्या में भव्य श्रीराममंदिर कार्य भी प्रारंभ हो चुका है. पीएम ने अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर कार्यक्रम को बढ़ाया. अब तक 50 फीसदी से अधिक कार्य बढ़ चुका है. इस दौरान भी आचार्य जी अयोध्या धाम पधारे, इससे उन्हें बहुत खुशी मिली थी.