लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अब गिने-चुने महीने बचे हैं. लेकिन विधानसभा उपाध्यक्ष के चुनाव को लेकर राज्य का राजनीतिक पारा चढ़ा हुआ है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सियासी दांव ने सपा को एक तरह से चित कर दिया है. भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा उपाध्यक्ष पद के लिए सपा के बागी विधायक नितिन अग्रवाल को अपना उम्मीदवार बनाया है. आपको बता दें कि ​नितिन के पिता नरेश अग्रवाल भी समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता थे, लेकिन 2019 लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हो गए थे.


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सपा के बागी विधायक नितिन अग्रवाल ने यूपी विधानसभा के उपाध्यक्ष पद के लिए शनिवार को अपना नामांकन दाखिल कर दिया. नितिन के नामांकन में खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी पहुंचे. सीएम योगी ने कहा कि बीजेपी संसदीय परंपराओं का पालन कर रही है. विधानसभा के डिप्टी स्पीकर का पद विपक्ष के लिए रिजर्व होता है. उन्होंने कहा कि हमने सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता को अपना प्रत्याशी बनाया है. मुख्य विपक्षी दल अपना प्रत्याशी नहीं दे पाया, तो उनके बदले हमने दे दिया.


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यूपी विधानसभा के डिप्टी स्पीकर का चुनाव 18 अक्टूबर को होगा. योगी सरकार ने इसके लिए 6 घंटे का विशेष सत्र बुलाया है. भाजपा ने हरदोई सदर विधानसभा सीट से तीसरी बार के विधायक नितिन अग्रवाल को डिप्टी स्पीकर के लिए उम्मीदवार बनाकर लड़ाई को सपा बनाम सपा बना दिया है. हरदोई में प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण करने के बाद नितिन अग्रवाल ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से स्नातक और पुणे से एमबीए की डिग्री ली. वह 2008 के उपचुनाव में बसपा के टिकट पर हरदोई सदर सीट से पहली बार विधायक बने.


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नितिन अग्रवाल अपने पिता नरेश अग्रवाल के साथ 2012 विधानसभा चुनाव से पहले सपा में शामिल हो गए और हरदोई सदर सीट से चुनाव लड़ा और जीते. अखिलेश सरकार में उन्हें स्वास्थ्य राज्यमंत्री और बाद में लघु उद्योग विकास में राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार बनाया गया. नितिन ने सपा के टिकट पर हरदोई सदर सीट से साल 2017 का विधानसभा चुनाव करीबी अंतर से जीता और लगातार तीसरी बार एमएलए बने. यूपी में सत्ता परिवर्तन होने के बाद नरेश अग्रवाल को सपा ने राज्यसभा नहीं भेजा तो वह भाजपा में शामिल हो गए थे. साथ में पुत्र भी बागी हो गए.


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