यूपी मदरसा सर्वे का दारुल उलूम देवबंद ने किया समर्थन, क्या अब खत्म होगा संग्राम?
Darul Uloom on UP Madarsa Survey: योगी सरकार के मदरसा सर्वे के फैसले पर दारुल उलूम ने समर्थन जताया है. उनका कहना है कि सरकार का हक है मदरसों का सर्वे करना और जो मदरसे सरकारी जमीन पर बने हैं, उन्हें तोड़ा जाना चाहिए. माना जा रहा है कि दारुल उलूम के इस फैसले से शायद अब राजनीति भी कम हो..
Darul Uloom Supports UP Madarsa Survey: उत्तर प्रदेश में मदरसा सर्वे को लेकर दारुल उलूम की बैठक चल रही थी, जो पूरी हो गई है. इस मीटिंग में खास बात यह रही कि दारुल उलूम ने मदरसा सर्वे के फैसले पर सरकार का समर्थन किया है. अब ऐसे में माना जा रहा है कि यूपी में मदरसा सर्वे पर जो राजनीति छिड़ी है, वह हल्की पड़ेगी. इस राजनीति के बारे में तो आप जानते ही होंगे. दरअल, प्रदेश में मदरसा सर्वे को लेकर तमाम विपक्षी दल लगातार सरकार पर हमलावर थे. लेकिन, अब दारुल उलूम ने यह साफ कर दिया है कि जो मदरसे सरकारी जमीन पर बने हैं, वह गैरकानूनी हैं. उन्हें हटाया जाना जरूरी है. वहीं, निजी जमीन पर बने मदरसे सही हैं. इतना ही नहीं, दारुल उलूम ने ऐलान किया है कि यूपी के मदरसा संचालक सरकार की प्रक्रिया का समर्थन करेंगे.
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सर्वे के समर्थन का ऐलान
इस बैठक में मौलाना अरशद मदनी ने मदरसा के सर्वे वाले आदेश को उचित बताया है. उन्होंने कहा कि इसमें कुछ गलत नहीं है, इसलिए सरकार का समर्थन करें. इसी के साथ ऑल इंडिया जमीयत उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने साफ कहा है कि सभी मदरसे सर्वे में पूछे गए सवालों का सही तरीके से जवाब दें. उन्होंने कहा कि सर्वे में किसी प्रकार की गलत चीज नहीं देखी गई है. ऐसे में सर्वे का समर्थन करना चाहिए.
मदरसा सर्वे को लेकर संग्राम की स्थिति
बता दें, यह बैठक देवबंद की रशीदी मस्जिद में चल रही थी. मीटिंग पूरी होने के बाद मौलाना मदनी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और बैठक में लिए गए फैसलों की पूरी बात बताई. यूपी में मदरसा सर्वे के फैसले को लेकर संग्राम सी स्थिति बनी हुई है. लगातार इस पर राजनीतिक बयानबाजी भी हो रही है. ऐसे में देवबंद की बैठक पर हर कोई नजर बनाए रखा था.
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सरकार की शिक्षा पॉलिसी के साथ हैं मौलाना
बैठक में कई प्रस्ताव पास किए गए हैं. इसमें साफ तौर पर कहा गया है कि सरकार के सर्वे का समर्थन किया जाएगा. मौलाना का कहना है कि सर्वे सरकार का हक है. अगर मदरसे सरकारी जमीन पर बने हैं, तो उन्हें तोड़ दीजिए. जो मदरसे खुद की जमीन पर बने हैं, वही उचित हैं. वहीं, मौलाना अरशद मदनी ने यह भी कहा कि वह सरकार की शिक्षा पॉलिसी के साथ हैं.
आगे के प्लान पर भी हुई चर्चा
बताया जा रहा है कि यह बैठक हर 3-4 महीने पर होती है. इसको लेकर कोई बड़ा मुद्दा नहीं बनना चाहिए. मदरसा में अलग वर्षों में दाखिला 10वीं और 12वीं के एग्जाम पास करने के बाद ही होगा. यह अगले वर्षों में तय कर लिया जाएगा.
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