सरकारी स्कूलों की जगह बना दावत-ए-इस्लामी का मदरसा, गुमनाम खत के जरिए की गई शिकायत
दावत-ए-इस्लामी संस्था पर आरोप है कि गैर कानूनी तरीके से जमीन पर कब्जा कर कानपुर में मदरसों का संचालन कर रहा है. पढ़ें पूरी खबर...
श्याम तिवारी/कानपुर: राजस्थान के उदयपुर में कन्हैया लाल की हत्या के बाद पाकिस्तानी संगठन दावत-ए-इस्लामी चर्चा में बना हुआ है. इस संस्था की जड़ें कानपुर में काफी गहरी हैं. यहां पर न केवल दावत-ए-इस्लामी का मरकज है बल्कि यह संस्था मदरसों का संचालन भी कर रहा है. इतना ही नहीं इस संस्था पर गैर कानूनी तरीके से जमीन पर काबिज होने के आरोप भी लग रहे हैं.
कर्नलगंज क्षेत्र में नगर निगम के दो स्कूलों को खत्म करके पांच मंजिला इमारत खड़ी कर दी गई. जिसमें दावते इस्लामी के मदरसे का संचालन किया जा रहा है. यह मदरसा इसी साल 2022 से ही संचालित किया जा रहा है. इस मामले में नगर निगम से शिकायत की गई है. यह शिकायत गुमनाम खत के जरिए की गई है.
मदरसे की जगह बना था प्राथमिक स्कूल
आपको बता दें कि कर्नलगंज के मुस्लिम बाहुल्य इलाके में जैसे छोटे मियां के हाते में 5 मंजिला इमारत के बाहर इंग्लिश और उर्दू में बड़ा-बड़ा दावत-ए-इस्लामी इंडिया लिखा है. शिकायती पत्र में बताया गया है कि 6 महीने पहले उसी स्थान पर नगर निगम द्वारा 2 प्राथमिक विद्यालय संचालित होते थे. दोनों स्कूल करीब 800 वर्ग गज जमीन पर बने थे. भू-माफिया ने अधिकारियों से मिलीभगत कर 800 वर्ग गज जमीन बेच डाली. 300 वर्ग गज की रजिस्ट्री अवैध तरीके से दावत-ए-इस्लामी संगठन के नाम कर दी गई. दावत-ए-इस्लामी के मदरसे के बगल में मकान बनवा रहे इसरार अहमद ने कहा कि शिक्षा विभाग ने यहां से स्कूलों को शिफ्ट कर लिया है.
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दावत-ए-इस्लामी पर लगे हैं ये आरोप
गौरतलब है कि दावत-ए-इस्लामी पर गैर कानूनी तरीके से देश से चंदा इकट्ठा कर पाकिस्तान भेजने का आरोप लगा है. इसके साथ ही धार्मिक क्रियाकलापों की आड़ में लोगों का रेडिकलाइजेशन करने के भी आरोप लगे हैं. वहीं घनी आबादी वाले इलाके में स्थित इस मदरसे पर जाने के लिए जब पुलिस से संपर्क किया गया, तो उन्होंने भी इंकार कर दिया. जुमे का हवाला देकर पुलिस ने मौके पर जाने से इनकार कर दिया. इसके बाद भी हमारी टीम मौके पर पहुंची और वहां की हकीकत जानने का प्रयास किया.
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