बाराबंकी: अनुराग वत्स की क्लीन पुलिसिंग से टूट गई थी अपराधियों की कमर, नए एसपी दिनेश कुमार सिंह के सामने होगी ये चुनौती
Barabanki News: बाराबंकी के नए कप्तान के तौर पर पदभार संभालने के बाद दिनेश कुमार सिंह ने मीडिया से बीत-चीत में कहा कि उनके नेतृत्व में हमेशा कोशिश रहेगी कि कानून व्यवस्था अच्छी हो.
नितिन श्रीवास्तव/बाराबंकी: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के पुलिस अधीक्षक अनुराग वत्स का तबादला हो गया है. अनुराग वत्स अपनी बेबाक और ईमानदार कार्यशैली के साथ पुलिसिंग में अनूठे प्रयोग के लिए जाने जाते हैं.अनुराग वत्स केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय में डेप्युटेशन पर भेजे गए हैं. हालांकि अनुराग वत्स की कई दिन पहले ही केन्द्रीय प्रतिनिुक्ति पर गृह मंत्रालय में तैनाती हुई थी, लेकिन वह कार्यमुक्त नहीं किए गए थे. बस आदेश का इंतजार था, जिसके बाद अब योगी आदित्यनाथ सरकार ने उन्हें कार्यमुक्त करते हुए अभिसूचना मुख्यालय लखनऊ में तैनात दिनेश कुमार सिंह को बाराबंकी का 81वां कप्तान बनाया है. जिनके सामने अनुराग वत्स के द्वारा सेट किए गए क्लीन पुलिसिंग के पैमाने को बरकरार रखना और अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को अपनाकर कार्रवाई करना एक बड़ी चुनौती होगी.
दागदार पुलिसकर्मियों पर होगी कार्रवाई- दिनेश कुमार सिंह
बाराबंकी के नए कप्तान के तौर पर पदभार संभालने के बाद दिनेश कुमार सिंह ने मीडिया से बीत-चीत में कहा कि उनके नेतृत्व में हमेशा कोशिश रहेगी कि कानून व्यवस्था अच्छी हो. पुलिस की भूमिका सकारात्मक हो नकारात्मक नहीं. उन्होंने कहा कि कहा कि महिला संबंधित अपराधों पर वह कठोर कार्रवाई करेंगे. इतना ही नहीं उन्होंने ये भी कहा कि अपराध पर अंकुश लगाना उनकी प्रथम प्राथमिकता रहेगी. साथ में उनकी कोशिश रहेगी कि बाराबंकी की जनता को क्लीन पुलिसिंग दी जाए जिससे जनता का पुलिस के प्रति विश्वास बढ़े. उन्होंने दागदार पुलिसकर्मियों पर भी कार्रवाई का साफ संदेश दिया.
गाजियाबाद के रहने वाले हैं अनुराग वत्स
अनुराग वत्स मूल रूप से गाजियाबाद के मूल निवासी और 2013 बैच के आईपीएस अफसर हैं. अनुराग वत्स ने 26 अक्टूबर 2021 को बाराबंकी जिले के 80वें कप्तान के रूप में कमान संभाली थी. बाराबंकी के एक साल 17 दिनों के अपने कार्यकाल में उन्होंने मादक पदार्थ के तस्करों, पशु तस्करों, भूमाफियाओं, अवैध शराब के कारोबारियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत करीब 200 करोड़ रुपये की कुर्की की कार्रवाई की जिससे जिले के शातिर अपराधियों की कमर टूट गई और उनमें खौफ का माहौल था. साथ ही जिले के क्राइम रेट में भी काफी गिरावट आई थी.
पुलिस अधीक्षक के पद पर रहते हुए अनुराग वत्स ने बाराबंकी जिले में हर हाल में फरियादी का मुकदमा दर्ज किए जाने की व्यवस्था उन्होंने लागू की थी.। जिसका नतीजा यह रहा कि जिले में हर साल तीन हजार के आसपास दर्ज होने वाले मुकदमों की संख्या साढ़े चार हजार के करीब पहुंच गई. भ्रष्टाचार या अपराधियों से मिलीभगत रखने वाले पुलिस कर्मियों पर भी उन्होंने तत्काल बड़ी कार्रवाई की और मुकदमा तक दर्ज कराया. अभी हाल में ही उन्होंने छह पुलिसकर्मी निलंबित किए थे.
पुलिस अधीक्षक रहते हुए अनुराग वत्स ने बीते एक साल के दौरान 52 अलग अलग मामलों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 397 अधिकारी और कर्मचारियों को पुलिस लाइन सभागार में अंगवस्त्र के साथ नगद धनराशि दे कर सम्मानित किया. यह ऐसे अधिकारी और कर्मचारी हैं, जिन्होंने बेदाग रहते हुए अपनी सूझबूझ से मामलों को जल्द सुलझा कर घटना का खुलासा किया. अनुराग वत्स के मुताबिक समय-समय पर पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों का उत्साह बढ़ाने के लिए उन्हें सम्मानित किया जाता है, इस बीते साल सराहनीय काम करने वाले पुलिस कर्मियों को कुल 5,23,600 रूपये की धनराशि से पुरस्कृत किया गया.