Mahamrityunjay Mantra Vidhi : 4 जुलाई से सावन के पवित्र महीना शुरू होने जा रहा है. यह 31 अगस्त तक जारी रहेगा. हिंदू धर्म में सावन के महीने को बहुत पवित्र माना जाता है. पूरे सावन के महीने में भगवान भोलेनाथ की पूजा आराधना और मंत्र जाप का विशेष महत्व है. इन मंत्रों में से एक है महामृत्युंजय मंत्र. ऐसा माना जाता है कि महामृत्युंजय मंत्र जपने से अकाल मृत्यु टल जाती है. साथ ही भक्तों को आरोग्य का वरदान भी प्राप्त होता है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

जप करते समय यह रखें सावधानी
धर्म शास्त्रों में ऐसा बताया गया है कि महामृत्युंजय मंत्र का जाप धरती पर बैठकर नहीं करना चाहिए. इस मंत्र को हमेशा किसी ऊंचे आसन या कुश का आसान बिछाकर उसके ऊपर बैठकर ही करना चाहिए. इसके अलावा इस मंत्र के जप की एक जगह निर्धारित करें और प्रतिदिन इसी जगह पर बैठकर मंत्र का उच्चारण करें.


महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते समय इस बात का विशेष ध्यान रखें कि आपका मुंह हमेशा पूर्व दिशा की ओर ही हो. मंत्र का जाप करते समय अपने ध्यान को भटकने ना दें और एकाग्र रहें. इसके अलावा महामृत्युंजय मंत्र का जप कितने दिन भी आप करें उतने दिन मांस-मदिरा से दूर रहें.


महामृत्युंजय मंत्र का जप करते समय जातकों को इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि इस मंत्र का उच्चारण ठीक ढंग से किया जाए. इसके अलावा एक तय संख्या निर्धारित करके ही इस मंत्र के जाप का संकल्प लें. यदि आप चाहें तो इस मंत्र के जप की संख्या को बढ़ा सकते हैं, लेकिन ध्यान रखें कि इस मंत्र के जप की संख्या को कम ना करें.


जमीन पर सोएं
सावन के महीने में बिस्तर का त्याग कर जमीन पर सोना चाहिए. साथ ही दिन में सोने से परहेज करना चाहिए. सिर्फ एक समय ही सोएं और बाकी का समय शिव भक्ति में लगाएं.
मांस-मदिरा से बचें
सावन में शुद्ध सात्विक भोजन ही करना चाहिए. मांस और शराब का सेवन न करें. सावन में लहसुन, प्याज खाने की भी मनाही की गई है. ये सभी तामसिक भोजन की श्रेणी में आते हैं. वहीं बैंगन का त्याग करें. इसके सेवन से पित्त से रोग हावी हो जाते हैं.
तेल न लगाएं
सावन महीने में शरीर पर तेल न लगाएं. ऐसा करना शुभ नहीं माना जाता है. बल्कि इस माह तेल का दान करना श्रेष्ठ है.
दूध का त्याग
सावन में दूध का त्याग करना चाहिए. इस पूरे माह शिवलिंग पर दूध अर्पित किया जाता है. 
कांसे के बर्तन में खाना न खाएं
शिव जी की आराधना का पूर्ण फल तभी मिलता है। जब व्यक्ति अपने विचारों में सकारात्मकता रखें. ऐसे में भगवान भोलेनाथ की कृपा पाना चाहते हैं, तो किसी का अनादर न करें. दूसरों के प्रति द्वेष की भावना न लाएं. गुरु माता- पिता, जीवनसाथी, दोस्त या द्वार पर आए लोगों के अपमान नहीं करना चाहिए.


Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है.  सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक पहुंचाई गई हैं. हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है. इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी. ZEE UPUK इसकी जिम्मेदारी नहीं लेगा.  


 


WATCH: देखें 26 जून से 2 जुलाई का साप्ताहिक राशिफल, ये 3 राशि वालों को धन और स्वास्थ्य का हो सकता है नुकसान