Earthquake in Delhi NCR: दिल्ली एनसीआर में गुरुवार को फिर से भूकंप के झटके महसूस किए गए. भूकंप की तीव्रता 3.4 रिक्टर स्केल पर बताई जा रही है.छह नवंबर के बाद एक बार फिर धरती डोली है. पिछले बार के भूकंप की तीव्रता 5.4 मापी गई थी, जबकि उससे चार दिन पहले आए भूकंप की तीव्रता 6.4 थी. एक महीने में दो भूकंप से लोग दहशतजदा होकर घरों से बाहर निकले. दिल्ली-एनसीआर में चौथे दिन में दूसरी बार भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं. जानकारी के मुताबिक, दिल्ली समेत नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम फरीदाबाद समेत कई इलाकों में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. बता दें कि शुक्रवार की रात को भी दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के तेज झटके लगे थे.


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इससे पहले दिल्ली नोएडा गाजियाबाद में शुक्रवार रात भयंकर भूकंप आया और इमारतें झूले की तरह हिलने लगीं. शुक्रवार करीब रात 11.32 बजे भूकंप के तेज झटके आए जो 45 सेकंड तक महसूस किए गए. भूकंप का केंद्र नेपाल में था. इससे एक महीने के भीतर यह दूसरा बड़ा भूकंप आया है. उत्तर प्रदेश, बिहार, बंगाल और देश के दूसरे अन्य इलाको में यह भूकंप का झटका महसूस किया गया. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.4 मापी गई है. पिछले एक डेढ़ दो महीने में यह तीसरी बार है, जब भूकंप का ये तेज झटका महसूस किया गया है.


नेपाल के जाजरकोट जिले के पैंक में भूकंप का केंद्र बताया जा रहा है. यह काठमांडू से 500 किलोमीटर दूर है. यह उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के बॉर्डर से लगा हुआ ये इलाका है. उत्तराखंड (Earthquake in Uttarakhand) के भी ज्यादातर इलाकों में यह भूकंप महसूस किया गया. नेपाल में देर रात भूकंप के बाद करीब 130 लोगों की जान चली गई है. मृतकों की संख्या बढ़ने का अंदेशा है. 


यूपी-उत्तराखंड के सीमा पर जाजरकोट पहाड़ी इलाका है, जहां करीब दो लाख की आबादी है, लेकिन दुर्गम इलाकों में मदद पहुंचाने में काफी दिक्कतें आ रही हैं. जानकारी के मुताबिक, जाजरकोट के पड़ोसी रुकुम पश्चिम जिले में 34 लोगों की मौत हुई है. जगह-जगह पहाड़ों पर गिरे मलबे को हटाकर आगे बढ़ना राहत एवं बचावकर्मियों के लिए मुश्किल हो रहा है.जाजरकोट का रमीदांदा इलाका भूकंप का केंद्र बताया जा रहा है.


नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट ने कहा है भूकंप आने के आधे एक घंटे तक घरों के भीतर ही रहना सही है, क्योंकि इस दौरान दोबारा झटका आ सकता है. एनडीआरएफ(NDRF), एसडीआरएफ की टीमों से भी अलर्ट रहने को कहा गया है. 


गाजियाबाद (Earthquake in Ghaziabad) और नोएडा, हापुड़ समेत पूरे दिल्‍ली एनसीआर में शुक्रवार रात भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.4 तक बताई जा रही है. भूकंप का केंद्र पिछली बार की तरह नेपाल में था. इससे पहले तीन अक्टूबर को उत्तर भारत में भूकंप आया था, तब रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 6.2 थी. जबकि पांच अगस्त को भी दिल्ली एनसीआर में बड़ा जलजला आया था और भूकंप की तीव्रता (Earthquake News) तब रिक्टर पैमाने पर 5.6 मापी गई थी. उस भूकंप का केंद्र जम्मू-कश्मीर के गुलमर्ग था. हालांकि दोनों ही जलजले में जानमाल के नुकसान की खबर नहीं मिली थी. 


यूपी में प्रयागराज, लखनऊ, अयोध्या, गौतमबुद्ध नगर, गोरखपुर, अंबेडकर नगर, वाराणसी, मथुरा, आगरा जैसे सभी बडे शहरों में यह जलजला लोगों को हिलाकर रखने वाला था. नेपाल से सटे उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के क्षेत्रों में यह ज्यादा तीव्रता महसूस किया गया. 


लोग घरों से बाहर निकले 
भूकंप के ये झटके 11.32 बज भूकंप से पूरा उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और उत्तर भारत का इलाका थर्रा गया.ये भूकंप के झटके नोएडा, फरीदाबाद, गुरुग्राम, गाजियाबाद सहित पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सभी शहरों में महसूस किए गए. भूकंप के ऐसे तेज झटके लगते ही लोग अपने घरों से बाहर निकल आए. फ्लैटों के बाहर लोगों की भीड़ जुट गई. 


खबरों के मुताबिक, पाकिस्‍तान और अफगानिस्‍तान में हिन्दुकुश पर्वत माला के पूरे क्षेत्र में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. दिल्ली एनसीआर का पूरा इलाका भूकंप के लिहाज से सीस्मिक जोन 4 में आता है. ऐसे में लगातार तीन महीनों के अंदर इतना बड़ा भूकंप लोगों के अंदर दहशत का माहौल पैदा करने वाला है. 


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