आशीष द्विवेदी/हरदोई: हरदोई में आधुनिक खेती ने किसानों की तरक्की का रास्ता खोल दिया है. पहले किसान परंपरागत खेती करते थे लेकिन अब आधुनिक खेती के जरिए किसान अच्छी उपज हासिल कर अपनी आमदनी बढ़ा रहे हैं. एफपीओ के माध्यम से किसानों ने परंपरागत खेती से हटकर आधुनिक खेती की ओर रुख किया है, ऐसे में कम खेती वाले किसान भी अच्छी उपज हासिल कर अपनी आमदनी में वृद्धि कर रहे हैं. किसानों के लिए केले की खेती काफी मुफीद साबित हो रही है जो उनकी तरक्की की राह को आसान बना रही है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

किसान केले की खेती से कमा रहे अच्छा मुनाफा
हरदोई जिले में एफपीओ यानी फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन से जुड़कर प्रगतिशील और छोटे किसानों ने तरक्की की राह पकड़ी है. एफपीओ के माध्यम से जुड़कर केले की खेती कर किसान अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. केले फसल खेत में ही तैयार होकर बिक जाती है और लागत के सापेक्ष इसमें काफी मुनाफा होता है. ऐसे में किसानों का जीवन स्तर भी काफी अच्छा हुआ है और खेती की उपज बढ़ने के साथ ही किसानों की आमदनी भी बढ़ गई है. 


एफपीओ से किसानों को जोड़ा
जिले के विकासखंड सुरसा के मलिहामऊ गांव के रहने वाले किसान श्यामजी मिश्रा ने फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन का रजिस्ट्रेशन कराकर 13 प्रगतिशील और 1000 छोटे किसानों को जोड़ा है. दरअसल श्यामजी ने केले की खेती की शुरुआत कर 50 बीघा जमीन में केले की फसल लगाई थी. वह बताते हैं कि एक बीघे में 200 केले के पेड़ लग जाते हैं, इस तरह 1 एकड़ में 1000 पेड़ लग जाते हैं. एक साल फसल तैयार होने में लगता है और 2 से 3 महीने में फसल की बिक्री हो जाती है.


प्रत्येक पेड़ से तैयार होता है 20 किलो केला
केले की फसल तैयार होने के बाद औसतन 20 किलो केला प्रत्येक पेड़ से तैयार होता है और ढाई सौ रुपये में बिक जाता है. खेती में अपने अभिनव प्रयोग और किसानों को आधुनिक तकनीक के जरिए खेती के करने को लेकर प्रेरित करने के लिए युवा दिवस के मौके पर श्याम जी मिश्रा को मुख्यमंत्री के द्वारा सम्मानित भी किया जा चुका है. 


Farmers News: हरदोई में मखाने की खेती से किसान हुए मालामाल, कमा रहे लाखों का मुनाफा


एक बीघा फसल तैयार होने में आती है 15 हजार रुपये लागत 
श्याम जी मिश्रा के मुताबिक प्रति पेड़ के हिसाब से करीब 75 रुपये लागत आती है,एक बीघे की फसल तैयार करने में 15 हजार रुपये लगते हैं, प्रति बीघा 50 हजार रुपये की फसल तैयार हो जाती है, किसान को 35 हजार की बचत होती है. ऐसे में एफपीओ के माध्यम से जुड़े किसान अब केले की खेती कर रहे हैं. केले की खेती के माध्यम से कम खेती वाले किसान अच्छी पैदावार हासिल कर अपनी आय में इजाफा कर रहे हैं. 



केले की खेती से हुआ आमदनी में इजाफा- किसान राकेश सिंह
किसान राकेश सिंह बताते हैं कि गेहूं और धान की फसल में उन्हें कम मुनाफा होता था, लेकिन जबसे परंपरागत खेती से हटकर उन्होंने आधुनिक खेती के जरिए केले की फसल तैयार की, तब से उनकी आमदनी में काफी इजाफा हुआ है और अब हजारों की बजाय वह लाखों रुपये कमा रहे हैं, केले की फसल से उनकी आमदनी में काफी इजाफा हुआ तो हुआ ही है साथ ही जीवन स्तर में भी काफी सुधार हुआ है. 


नहीं जाना पड़ता बाजार, खेत में ही बिक जाती है फसल - किसान अवधेश मिश्रा
किसान अवधेश मिश्रा बताते हैं कि केले की फसल बेचने के लिए उन्हें बाजार नहीं जाना पड़ता बल्कि उनका केला खरीदने के लिए व्यापारी उनसे खुद संपर्क करते हैं और उनके खेत पर आते हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि उन्हें फसल बिक्री के बाद रुपयों का इंतजार नहीं करना पड़ता बल्कि उनकी फसल नकद बिक जाती है और व्यापारी मौके पर ही उन्हें फसल का दाम दे देता है. 


जिले में 100 हेक्टेयर भूमि पर हो रही खेती- जिला उद्यान अधिकारी 
जिला उद्यान अधिकारी सुरेश कुमार का कहना है कि जनपद में करीब 100 हेक्टेयर भूमि पर केले की खेती की जा रही है. कई इलाकों में किसान एफपीओ के माध्यम से जुड़कर केले की खेती कर रहे हैं. जिससे बड़े किसानों के साथ-साथ छोटे किसानों का भी केला तैयार होने पर उनके खेत से ही बिक जाता है और उन्हें भी उसका उचित दाम खेत पर ही मिल जाता है. ऐसे में केले की खेती किसानों के लिए बेहतर आमदनी का जरिया साबित हो रही है.


परंपरागत खेती से हटकर आधुनिक खेती कर किसान अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. उद्यान विभाग की ओर से भी किसानों को आधुनिक खेती के लिए है प्रेरित किया जा रहा है ताकि उनकी आमदनी में इजाफा हो सके. 


Watch LIVE TV