मंत्रजाप कर अपनाया हिंदू धर्म और श्रवण कुमार बने 65 साल के अब्दुल जमील, कहा- अब संतुष्ट हूं!
Fathepur Conversion News: रेलवे से रिटायर्ड अब्दुल जमील की आस्था हमेशा से ही हिंदू धर्म में रही है. बीते 10 साल से वह सनातन धर्म के रीति रिवाजों का पालन कर रहे हैं और अब हनुमान मंदिर में जाकर उन्होंने आचार्यों की मौजूदगी में सनातन धर्म अपना लिया है. पढ़ें खबर-
Fatehpur Abdul Jameel Converted to Shravan Kumar: उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में रेलवे डिपार्टमेंट से रिटायर हुए अब्दुल जमील ने हिंदू धर्म अपना लिया है. फतेहपुर के हनुमान मंदिर पहुंचकर उन्होंने बकायदा मंत्रोच्चारण किया और आचार्यों की मौजूदगी में विधि-विधान से सनातन धर्म अपनाया. इसी के साथ अब अब्दुल जमील का नया नाम 'श्रवण कुमार' हो गया है. बताया जा रहा है कि बीते गुरुवार ही अब्दुल ने बकायदा दीक्षा ग्रहण की है. हालांकि, उनके परिवार वाले उनके इस कदम से नाराज़ थे, लेकिन अब्दुल की आस्था हमेशा से ही सनातन धर्म में थी, जिससे प्रेरित होकर वह उन्होंने हिंदू धर्म को अपना बना लिया.
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अब्दुल के पूर्वज हुआ करते थे राजपूत
मीडिया से बात करते हुए अब्दुल जमील ने बताया कि वह हमेशा से ही सनातन धर्म को पसंद करते थे और इसी धर्म में उनकी आस्था रही है. उनका कहना है कि उनके पूर्वज राजपूत हुआ करते थे. उन्होंने यह भी बताया कि उनके पिता अब्दुल हामिद बेग को कुछ लोगों ने जमीन जायदाद और सुंदर कन्या से निकाह का लालच दिया और उनका धर्म परिवर्तित करवा दिया. इसके बाद से ही उनका परिवार मुस्लिम धर्म मानने लगा. हालांकि, अब्दुल जमील खुद हमेशा सनातन धर्म में ही आस्था रखते हैं. इसलिए बीते 10 साल से सनातन रीति-रिवाज का पालन कर रहे हैं और होली-दीपावली जैसे पर्व मना रहे हैं.
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अब्दुल उर्फ श्रवण की हैं 3 बेटियां
अब्दुल जमील ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया है कि उनके 4 बच्चे हैं, 3 बेटियां और 1 बेटा. उन्होंने जब अपने परिवार के सामने यह बात रखी कि वह हिंदू धर्म अपनाना चाह रहे हैं, तो परिजनों ने नाराजगी जताई और साफ मना कर दिया. लेकिन, सनातन धर्म में अब्दुल की आस्था इतनी थी कि परिवार के विरोध के बाद भी उन्होंने यह कदम उठाया. इसके बाद वह हनुमान मंदिर पहुंचे और आचार्य पंडित राम लला मिश्रा से सनातन धर्म अपनाने की बात कई. इसके बाद आचार्य ने उन्हें दीक्षा दिलाई.
अब संतुष्ट महसूस कर रहे हैं अब्दुल
जानकारी के लिए बता दें कि 65 साल के अब्दुल जमील फतेहपुर रेलवे में चीफ रिजर्वेशन सुपरवाइजर के पद से रिटायर हुए हैं. वह मूल रूप से हाथरस के सादाबाद के रहने वाले हैं और मौजूदा समय में फतेहपुर के देवीगंज में रहते हैं. उनका कहना है कि वह सालों से सनातन धर्म अपनाने का सोच रहे थे, लेकिन अब जाकर उन्होंने यह कदम उठाया. इसी के साथ उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म में आकर अब वह संतुष्ट महसूस कर रहे हैं.
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घर वापस आने वालों का हमेशा स्वागत
हिंदू महासभा के प्रदेश महामंत्री मनोज त्रिवेदी का कहना है कि दुनिया का सबसे प्राचीन धर्म सनातन ही है. यह आदि अनादि होने के साथ दया भाव से पूर्ण है भी है. इस धर्म में वापसी करने वालों का हमेशा स्वागत है.
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