Atvocate Strike against Hapur lathicharge Case: हापुड़ में वकीलों पर लाठीचार्ज का मामला अभी ठंडा नहीं पड़ा है. वकीलों का गुस्सा शांत करने के लिए उनकी एक औऱ मांग को मान लिया गया है. हापुड़ में लाठीचार्ज के मामले में पीड़ित वकीलों की तहरीर पर 151 पुलिसकर्मियों पर एफआईआर दर्ज हुई है.


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51 नामजद और 100 के करीब अज्ञात पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई. पुलिस टीम पर कानून का काम करने वाले निर्दोष वकीलों पर लाठीचार्ज का आरोप है. आईपीसी की धारा 147, 323, 504, 506, 308, 354, 392 के तहत एफआईआर दर्ज हुई है. हापुड़ नगर कोतवाली में ये एफआईआर दर्ज हुई. 


वहीं हापुड़ में वकीलों पर हुए लाठीचार्ज मामले में एक और बड़ा घटनाक्रम सामने आया. इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस से हापुड़ बार एसोसिएशन के पदाधिकारी गुरुवार को मिलेंगे. चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर हापुड़ बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों की दोपहर दो बजे मुलाकात को अहम माना जा रहा है.हापुड़ में वकीलों पर हुए लाठीचार्ज पर चीफ जस्टिस के सामने वो अपनी बात रखेंगे. इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पदाधिकारी हापुड़ बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों की चीफ जस्टिस से कराएंगे मुलाकात.इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक सिंह ने ये जानकारी दी.


एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट
हापुड़ लाठीचार्ज को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट समेत प्रदेश की सभी जिला अदालतों में कामकाज तीन दिनों तक ठप रहा था. वकीलों ने लाठीचार्ज के आरोपी वकीलों पर एफआईआर करने समेत पांच बड़ी मांगे रखी थीं. इसमें वकीलों पर दर्ज केस वापस लेने की मांग थी. साथ ही अधिवक्ताओं का सुरक्षा से जुड़े एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग भी रखी गई थी. वकीलों का कहना था कि हापुड़ जिले के डीएम और एसपी को भी तत्काल हटाया जाए, क्योंकि उन्हीं के आदेश पर कार्रवाई हुई. अधिवक्ता अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी मिलने की मांग कर रहे हैं. हालांकि अभी ऐसा संभव नहीं हो पाया है. 


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हाईकोर्ट का फैसला
हापुड़ में वकीलों पर हुए लाठीचार्ज केस का इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी संज्ञान लिया था. चीफ जस्टिस की बेंच ने सरकार की ओर से गठित एसआईटी में रिटायर्ड जस्टिस को शामिल करने का निर्देश दिया था. साथ ही वकीलों की ओर से दी गई शिकायत के आधार पर एफआईआर दर्ज करने का निर्देश भी दिया गया. SIT की जांच पूरी होने तक वकीलों पर पुलिस कार्रवाई पर भी कोर्ट ने रोक लगाई थी. इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले और वादकारियों को हो रही परेशानियों को ध्यान में रखते हुए बार एसोसिएशन ने हड़ताल को खत्म कर दिया था.  हालांकि कई जगह जिला अदालतों में बुधवार को भी कामकाज नहीं हो सका, इससे ऊहापोह की स्थिति रही.


 


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