Fixed Deposit Scheme: मैच्योर होने के बाद भी नहीं निकाल पा रहे FD का पैसा, ऐसे करें अप्लाई, फटाफट मिलेगी रकम
Fixed Deposit Scheme: RBI की गाइडलाइन के मुताबिक, सेविंग्स या करंट अकाउंट में दो साल तक ट्रांजैक्शन नहीं किया जाए तो वह खाता इनएक्टिव घोषित हो जाता है.
Fixed Deposit Scheme: अगर आप उन लोगों में शामिल हैं जिनके फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) का पैसा फंसा है? और आपकी FD मैच्योर हो गई, लेकिन पैसा नहीं निकाल पा रहे हैं तो इसका कुछ समाधान हम आपको यहां पर दे रहे हैं. इसके लिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा. ज्यादातर देखा जाता है कि जिस तेजी से लोग FD या किसी अन्य टर्म डिपॉजिट में पैसा जमा करते हैं, उस तेजी से मैच्योरिटी (maturity) का पैसा निकालना भूल जाते हैं. कई साल तक पैसा यूं ही पड़ा रहता है. अगर ऐसी बात है तो आपको पैसे पाने के लिए कुछ खास बातों का ध्यान रखना होगा.
इस कारण भी होती है परेशानी
जो लोग FD Account में नॉमिनी का नाम दर्ज नहीं करते, उनका पैसा मिलने में बहुत ज्यादा परेशानी होती है. अगर एकाउंट होल्डर की मौत हो जाए तो घरवालों को आसानी से पैसे नहीं मिलते. इस सूरत में लोग थक-हार कर पैसे छोड़ भी देते हैं. जानें पैसा क्यों फंसता है और उसे कैसे निकाल सकते हैं..
जानें क्या है आरबीआई की गाइडलाइन
RBI की गाइडलाइन के मुताबिक, सेविंग्स या करंट अकाउंट में दो साल तक ट्रांजैक्शन नहीं किया जाए तो वह खाता इनएक्टिव घोषित हो जाता है. इसी तरह टर्म डिपॉजिट खाते का पैसा मैच्योरिटी की तारीख से 2 साल के भीतर नहीं निकाला जाए तो वो एकाउंट भी निष्क्रिय (Inactive) हो जाता है.
एक गलती पड़ सकती है भारी
कई बार ऐसा भी होता है कि जिस एफडी अकाउंट से सेविंग अकाउंट जुड़ा हो, वह कई साल तक ऑपरेशन में नहीं होने से बंद हो जाता है. फिर किसी कारण से खाताधारक एफडी का पैसा भी नहीं निकाल पाता. इस तरह एक छोटी गलती भारी पड़ जाती है और मोटी रकम बट्टा खाते में चली जाती है. रिजर्व बैंक के मुताबिक, अगर डिपॉजिट के पैसे को जिसमें मैच्योरिटी भी शामिल होती है, 10 साल के भीतर नहीं निकाल पाए तो वह डिपॉजिटर्स एजुकेशन एंड अवेयरनेस फंड यानी कि डीईएएफ में जमा होता है. बाद में इस पैसे को लेने के लिए कुछ खास नियमों का ध्यान रखना होता है.
सेविंग खाते की दर से मिलता है ब्याज
मान लें आपके सेविंग खाते (Saving Account) से एफडी जुड़ा है. उस FD का पैसा जब तक सेविंग खाते में आता है, तब तक वह ऑपरेटिव रहता है. जब इंटरेस्ट का पैसा बंद हो जाता है तो सेविंग खाता बंद हो जाता है. सेविंग एकाउंट बंद भी हो जाए तो उस पर एफडी के पैसे पर ब्याज मिलता रहता है. लेकिन दिक्कत तब आती है जब एफडी मैच्योर हो जाती है और उस पैसे को नहीं निकाला जाता. इस पैसे पर FD Rate के हिसाब से ब्याज नहीं मिलता बल्कि सेविंग खाते की दर से ब्याज मिलता है. निष्क्रिय खातों में आपकी एफडी, रेकरिंग डिपॉजिट, डिमांड ड्राफ्ट, बैंकर चेक, पे ऑर्डर और राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर लेन-देन भी शामिल हैं.
ग्राहक नहीं करते डिटेल अपडेट
नियम के मुताबिक, बैंक को इस बारे में ई-मेल या फोन के जरिए ग्राहक से कॉन्टेक्ट करना जरूरी होता है. बैंक अकसर खाताधारकों से संपर्क नहीं कर पाते हैं क्योंकि वे अपनी डिटेल को अपडेट नहीं करते हैं. ऐसे हालात में पैसा फंसा रह जाता है. लेकिन इस पैसे को निकालने का भी तरीका है.
कैसे लें फंसा हुआ पैसा
गाइडलाइन के मुताबिक, हर बैंक को अपनी वेबसाइट पर ऐसे फंसे पैसे और कस्टमर का जिक्र करना जरूरी है. जिस ग्राहक का पैसा फंसा हो, वो ग्राहक बैंक की वेबसाइट चेक करे और ब्रांच में संपर्क करे. आपको इसके लिए विधिवत क्लेम फॉर्म भरना होगा. फॉर्म के साथ डिपॉजिट की रसीद और केवाईसी के दस्तावेज भी जमा कराने होंगे. कोर बैंकिंग सुविधा होने से बैंक के किसी भी ब्रांच में जा सकते हैं.
ये काम करना है जरूरी
अगर एकाउंट होल्डर की मुत्यु हो गई है तो क्लेम फॉर्म के साथ डेथ सर्टिफिकेट भी लगाएं. आप नॉमिनी हैं तो अपना पहचान पत्र जरूर दें. बैंक सभी कागजातों की छानबीन करेगा और जमा पैसा खाते में जारी कर देगा. इस बात का ध्यान ऱखना जरूरी है कि खाता एक्टिव होना जरूरी है, अगर नहीं है तो पहले उसे सक्रिय कराएं. सेविंग खाता पहले से निष्क्रिय है तो उसे एक्टिव कराना जरूरी होगा.
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