लखनऊ: परिवहन विभाग में संविदा परिचालक की भर्ती के नाम पर सैकड़ों युवकों से करोड़ों रुपये ठगने वाले गिरोह का खुलासा मड़ियांव पुलिस ने कर दिया है. इस गिरोह के मुख्यारोपियों के बारे में जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे. दरअसल, ठगी करने वाली गैंग के आरोपियों में से एक ट्रेजरी विभाग में काम करता था और दूसरे ने आईआईटी खड़गपुर से इंजीनियरिंग की है. यही दोनों मिलकर यह गिरोह चला रहे थे. फिलहाल, पुलिस ने दोनों को गोमतीनगर के रेनेसा होटल से गिरफ्तार कर इन्हें जेल भेज दिया है. 


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IIT खड़गपुर का पासआउट है एक आरोपी
ट्रेजरी विभाग में काम करने वाला कृष्ण मुरारी इस क्राइम का मास्टरमाइंड है. बताया जा रहा है कि उसकी हरकतों के चलते उसे नौकरी से निलंबित कर दिया गया था. वहीं, जानकारी के मुताबिक, पुलिस को आरोपियों के पास से फर्जी संविदा नियुक्ति पत्र, 1.94 लाख रुपये, 3 कंपनियों की मुहर, मोबाइल, चेक और कई संदिग्ध सामान मिले हैं.


गोमती नगर के 4 स्टार होटल से पकड़े गए आरोपी
दरअसल, UPSRTC ने यूपी रोडवेज भर्ती 2021-2022 के लिए 748 संविदा परिचालकों की वेकेंसी निकाली हैं. इसकी भर्ती प्रक्रिया में मदद करने के नाम पर यह गिरोह लोगो को ठग रहा था. बीते बुधवार को मड़ियांव पुलिस के संज्ञान में यह बात आई कि कुछ ठग गोमतीनगर के रेनेसा होटल में कमरा लेकर रह रहे हैं और उसी होटल के बाहर इस नौकरी के लिए आवेदन करने वाले इच्छुक युवाओं को बुलाया हुआ है. इसके बाद मड़ियांव इंस्पेक्टर वीर सिंह ने अपनी टीम के साथ दबिश दी और 4 चार आरोपियों को दबोचा.


 


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होटल के कमरे से मिले करोड़ों के चेक
इन आरोपियों में कन्नौज का कृष्णमुरारी, जालौन का मनोज गौतम, महाराजगंज का सुनील सिंह यादव और पश्चिम बंगाल का रिशांत सिंह शामिल हैं. जब पुलिस ने इनके कमरे की जांच की तो वहां से 50 लाख और 1 करोड़ के दो चेक बरामद हुए, जो मार्च तक वैलिड हैं. इसी के साथ 5 हजार, 10 हजार और 2 लाख के भी चेक मिले. इसके अलावा, किसी प्रेरणा पाण्डेय नाम की लड़की की एक बैंक पासुक और 3 संविदा नियुक्ति पत्र पुलिस को मिले हैं. 


लाखों के ऑनलाइन पेमेंट की डिटेल्स
जांच में यह भी मालूम हुआ कि रजनाश कुमार नाम के शख्स ने ऑनलाइन माध्यम से 3 बार 5.97 लाख आरोपी कृष्णमुरारी के अकाउंट में जमा कराए हैं. इसके अलावा, रामचन्द्र और चांदबाबू नाम से 2 आवेदन पत्र भी बरामद किए गए हैं.


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खुद को एचआर बताते थे आरोपी
बताया जा रहा है कि ये आरोपी मिलकर बेरोजगारों को बताते थे कि UPSRTC ने रिक्रूटमेंट का टेंडर उनकी कंपनी आर्टिज फैकल्टी मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड को दिया है और वह लोग इंटर्व्यू लेकर उनका चयन करने आए हैं. आरोपी रिशांत बेरोजगारों का इंटरव्यू लेता था और कृष्णमुरारी खुद को कंपनी का एचआर बताता था. बाकी दो आरोपी लोगों को टारगेट कर होटल तक लेकर आते थे. 


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