Uttarakhand Chunav 2022: देश के पांच राज्यों में अगले साल विधानसभा चुनाव (Vidhansabha Chunav 2022) होने हैं, लेकिन इससे पहले कांग्रेस (Congress) की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. दरअसल, पंजाब के बाद अब उत्तराखंड (Uttarakhand) में भी कांग्रेस में अंतर्कलह सड़क पर आ पहुंचा है......पढ़ें पूरी खबर..
Trending Photos
कुलदीप नेगी/देहरादून: देश के पांच राज्यों में अगले साल विधानसभा चुनाव (Vidhansabha Chunav 2022) होने हैं, लेकिन इससे पहले कांग्रेस (Congress) की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. दरअसल, पंजाब के बाद अब उत्तराखंड (Uttarakhand) में भी कांग्रेस में अंतर्कलह सड़क पर आ पहुंचा है. हर बार की तरह इस बार भी इस बार भी अंतर्कलह का केंद्र बिंदु पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत (Harish rawat) हैं. इस बार तो हरीश रावत ने खुद अपने आलाकमान के खिलाफ बगावत का बिगुल बजा दिया है.
आखिर सीएम योगी को क्यों करना पड़ा सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को फोन..पढ़ें क्या हुई बात?
कांग्रेस के लिए पंजाब जैसे हालात
उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत ने सोशल मीडिया (Social Media) पर इस विषय पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा कि ‘बड़ी उहापोह की स्थिति में हूं, शायद नया साल कोई रास्ता दिखा दे।' कांग्रेस नेता की इस प्रतिक्रिया के बाद राज्य की सियासत में हड़कंप मच गया. बता दें कि उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए हैं. जिसके बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल मचना लाजिमी है. वहीं इस मुद्दे पर BJP कांग्रेस पर हमलावर है. भाजपा का कहना है कि कांग्रेस के लिए पंजाब जैसे हालात उत्तराखंड में भी पैदा हो गए हैं. बीजेपी का कहना है कि हरीश रावत उत्तराखंड के अमरिंदर सिंह हो सकते हैं.
#चुनाव_रूपी_समुद्र
है न अजीब सी बात, चुनाव रूपी समुद्र को तैरना है, सहयोग के लिए संगठन का ढांचा अधिकांश स्थानों पर सहयोग का हाथ आगे बढ़ाने के बजाय या तो मुंह फेर करके खड़ा हो जा रहा है या नकारात्मक भूमिका निभा रहा है। जिस समुद्र में तैरना है,
1/2 pic.twitter.com/wc4LKVi1oc— Harish Rawat (@harishrawatcmuk) December 22, 2021
आलाकमान को ही दे डाली चुनौती
एकला चलो रे और खाता न बही जो हरीश रावत कहीं वही सही, इन तकिया कलाम से नवाजे जाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने ऐन चुनाव से पहले फिर से कुछ ऐसी ही राह पकड़ ली है और इस बार हरीश रावत ने आलाकमान को ही चुनौती दे डाली है. हालांकि इससे पहले भी वे परोक्ष तौर पर ऐसा करते आए हैं लेकिन इस बार तो उन्होंने चुनाव से पहले दबाव की राजनीति की सबसे बड़ी चाल चल दी. एक तरफ अपने ट्वीट के जरिए आलाकमान को ताकीद कर डाला और दूसरी और यूकेडी के नेताओं के साथ अपनी तस्वीरें सोशल मीडिया में वायरल कर धमकी भी दे डाली.
फिर चुपके से मन के एक कोने से आवाज उठ रही है "न दैन्यं न पलायनम्" बड़ी उपापोह की स्थिति में हूंँ, नया वर्ष शायद रास्ता दिखा दे। मुझे विश्वास है कि #भगवान_केदारनाथ जी इस स्थिति में मेरा मार्गदर्शन करेंगे।#Uttarakhand @INCUttarakhand
— Harish Rawat (@harishrawatcmuk) December 22, 2021
हरीश रावत ने अलापा नया राग
अब चुनाव से पहले हरीश रावत ने नया राग अलाप लिया है. हरीश रावत खुद को कांग्रेस का अकेला झंडाबरदार घोषित करने के लिए अब सीधे राहुल गांधी को ही टक्कर देते नजर आ रहे हैं. पार्टी सूत्रों का कहना है हरीश रावत उसको चेहरा घोषित करने के साथ ही टिकट बंटवारे में भी अपना वर्चस्व कायम रखना चाहते हैं. लेकिन इससे कांग्रेस के दूसरे नेता खुद के राजनीतिक भविष्य को लेकर असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. बहरहाल जो भी हो लेकिन इतना जरूर है कि कांग्रेस में सर-फुटव्वल चल रहा है तो बीजेपी के लिए इससे बढ़िया और क्या हो सकता है. लिहाजा बीजेपी का तो तड़का लगाना बनता ही है.
हरीश रावत ने अपनाए बागी तेवर: सिलसिलेवार ट्वीट में राजनीति छोड़ने के दिए संकेत, आलाकमान पर उठाए सवाल
बीजेपी कह रही है ये बात
बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष देवेंद्र भसीन का कहना है कि चुनाव से पहले अब हरीश रावत जिस तरीके से रायता बिखेर रहे हैं, कांग्रेस जन उसे समेटने की नाकाम कोशिश कर रहे हैं. लेकिन वह भी क्या करें. वह जानते हैं कि रायता हरदा का फैलाया हुआ है तो उनसे न संभल पायेगा. लिहाजा रायते पर पर्दा डालने की ही कोशिश कर लें.
हरीश रावत ने गांधी परिवार के खिलाफ खोला मोर्चा, बोले- उनके नुमाइंदे मेरे हाथ-पांव बांध रहे हैं'
चुनाव के समय करते हैं ऐसा-रीता बहुगुणा जोशी
प्रयागराज से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सांसद रीता बहुगुणा जोशी ने हरीश रावत को लेकर कहा- कि हरीश जी अपने मन की हमेशा से करना चाहते है. जब चुनाव आता है तो ब्लैकमेल करते हैं. रीता ने कहा कि कांग्रेस का राष्ट्रीय नेतृत्व कमजोर है.
वहीं कांग्रेस के सूत्र बता रहे हैं कि बमुश्किल कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव उत्तराखंड में कांग्रेस को एकजुट करने और सत्ता में वापसी करवाने की जद्दोजहद में जुटे हैं तो हरदा उन्हें ही लाइन हाजिर करवाने पर अड़ हुए हैं. हालांकि देवेंद्र यादव को उत्तराखंड का प्रदेश प्रभारी बनाने का फैसला राहुल गांधी का है तो इसे सीधे सीधे राहुल गांधी को ही चुनौती के तौर पर देखा जा रहा है. देखना होगा कि हरदा की सीधे कांग्रेस आलाकमान को दी गई इस धमकी के आगे राहुल गांधी झुकते हैं कि नहीं.
लखनऊ: ITI में नए ट्रेड से खुलेंगे रोजगार के रास्ते, CM Yogi के निर्देश के बाद नए कोर्सेज के लिए टास्क फोर्स गठित
UP Elections: अलीगढ़ के इगलास में 23 दिसंबर को अखिलेश-जयंत का शक्ति प्रदर्शन, वेस्ट यूपी को साधने की तैयारी
WATCH LIVE TV