गंगा एक्सप्रेस वे प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट में मील का पत्थर साबित होने वाला है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 18 दिसंबर को शाहजहांपुर जिले में गंगा एक्सप्रेस वे परियोजना का शिलान्यास करने वाले हैं. राज्य सरकार ने 36,230 करोड़ रुपए की लागत से गंगा एक्सप्रेस वे परियोजना की स्वीकृति पिछले साल 26 नवंबर को दी थी.
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लखनऊ: गंगा एक्सप्रेस वे (Ganga Express Way) प्रदेश के तरक्की, आर्थिक विकास और रोजगार की नई इबारत लिखने जा रहा है. प्रदेश का अब तक का सबसे बड़ा 594 किमी लंबा गंगा एक्सप्रेस वे प्रयागराज (Prayagraj) से मेरठ (Meerut) होते हुए कई राज्यों को एक सूत्र में पिरोने वाला है. इसका लाभ दिल्ली एनसीआर ( Delhi NCR), हरियाणा (Haryana), मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh), छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh ) समेत कई अन्य राज्यों के लोगों को भी मिलने वाला है. पूर्वी यूपी से लेकर पश्चिमी यूपी के 12 जिलों से गुजरने वाले इस एक्सप्रेस वे के किनारे औद्योगिक गलियारे से लेकर कई अन्य आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है.
पीएम नरेंद्र मोदी 18 दिसंबर को करेंगे गंगा एक्सप्रेस वे का शिलान्यास
गंगा एक्सप्रेस वे प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट में मील का पत्थर साबित होने वाला है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 18 दिसंबर को शाहजहांपुर जिले में गंगा एक्सप्रेस वे परियोजना का शिलान्यास करने वाले हैं. राज्य सरकार ने 36,230 करोड़ रुपए की लागत से गंगा एक्सप्रेस वे परियोजना की स्वीकृति पिछले साल 26 नवंबर को दी थी.
गंगा एक्सप्रेस वे के किनारे 18 लाख से ज्यादा लगाए जाएंगे पौधे
पर्यावरण संरक्षण के लिए एक्सप्रेस वे के किनारे करीब 18 लाख 55 हजार पौधे लगाए जाएंगे. साथ ही परियोजना में अधिग्रहित भूमि पर सोलर पावर के माध्यम से ऊर्जा का उत्पादन होगा, जिससे परियोजना के संचालन के लिए आवश्यक ऊर्जा की पूर्ति होगी. गंगा एक्सप्रेस वे आधे से ज्यादा पश्चिमी यूपी के मेरठ, हापुड़, बुलन्दशहर, अमरोहा, सम्भल, बदायूं और शाहजहांपुर जिले से गुजर रहा है. हापुड़ और बुलन्दशहर सहित अन्य जिलों के लोगों के आवागमन के लिए गढ़मुक्तेश्वर में एक अन्य पुल बनाया जाएगा.
औद्योगिक कॉरिडोर के रूप में सहायक होगा एक्सप्रेस वे
गंगा एक्सप्रेस वे से सामाजिक और आर्थिक विकास के साथ कृषि, वाणिज्य, पर्यटन और उद्योगों की आय को बढ़ावा मिलेगा. इसके अलावा विभिन्न उत्पादन ईकाईयों, विकास केंद्रों और कृषि उत्पादन क्षेत्रों को राष्ट्रीय राजधानी से जोड़ने के लिए एक औद्योगिक कॉरिडोर के रूप में सहायक होगा. एक्सप्रेस वे खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों, भंडार गृह, मंडी और दुग्ध आधारित उद्योगों की स्थापना के लिए एक उत्प्रेरक के रूप में काम करेगा.
शाहजहांपुर जिले में बनाई जाएगी हवाई पट्टी
एक्सप्रेस वे पर आपातकाल में वायु सेना के विमानों की लैंडिंग और टेक ऑफ के लिए शाहजहांपुर जिले में एक हवाई पट्टी भी बनाई जानी है. साथ ही लोगों की सुविधाओं के लिए नौ जनसुविधा केंद्र, सात रेलवे ओवर ब्रिज, 14 दीर्घ सेतु, 126 लघु सेतु और 381 अण्डरपास बनाया जाएगा. एक्सप्रेस वे पर प्रवेश और निकासी के लिए 17 स्थानों पर इंटरचेंज सुविधा भी दी जाएगी. परियोजना के आस-पास के गांवों के निवासियों के लिए सर्विस रोड भी बनाया जाएगा.
94 प्रतिशत जमीन का हुआ अधिग्रहण
बता दें कि गंगा एक्सप्रेस वे यूपी से पूर्वांचल को कनेक्ट करेगा. गंगा एक्सप्रेस वे के लिए अब तक 94 प्रतिशत जमीन का अधिग्रहण हो चुका है. यह एक्सप्रेस-वे यूपी के 12 जिलों मेरठ, हापुड़, बुलन्दशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं , शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और रायबरेली से होकर गुजरेगा. एक्सप्रेस-वे उत्तर प्रदेश के 12 जिलों और 519 गांवों को जोड़ेगा. इस पर चलने वाले वाहनों की अधिकतम रफ्तार 120 किलोमीटर प्रतिघंटा तय की गई है. जबकि इस पर हवाई पट्टी के अलावा हेलिकॉप्टर उतारने के भी इंतजाम होंगे/ इसके साथ ही रोजगार सृजन के लिए इस एक्सप्रेस वे पर ढाबे पेट्रोल पंप और ट्रॉमा सेंटर भी बनाए जाएंगे.
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