आलोक त्रिपाठी/गाजीपुर: यदि आपके भीतर कुछ बेहतर करने का विजन है, तो आप गांव में रहकर भी वह काम कर सकते हैं जो शहरों के लिए रोल मॉडल बन जाए. गाजीपुर के राजापुर गांव के युवा ग्राम प्रधान अश्वनी राय ने वह कर दिखाया जिसकी उम्मीद हर गांव वाले को अपने ग्राम प्रधान से होती है. ग्रेजुएट ग्राम प्रधान ने पंचायत की शक्ल और सूरत कुछ इस कदर बदल दी है कि लोगों को यकीन ही नहीं होता कि यह वही पंचायत है. ग्राम पंचायत में बना मिनी सचिवालय भवन देखकर कुछ देर के लिए आपको लगेगा जैसे यह कोई लग्जरी होटल है. वाईफाई, जल की निकासी, साफ-सफाई, गमले सब इस तरह व्यवस्थित किए गए हैं कि लगता है नहीं कि यह सरकारी पंचायत भवन है.


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गांव में स्वच्छता एक्सप्रेस
सामुदायिक शौचालय कुछ इस तरह डिजाइन किया गया है कि एक बार सेवाएं लेने वाला व्यक्ति स्वच्छता का संकल्प लेकर ही वापस जाएगा. शौचालयों को स्वच्छता एक्सप्रेस ट्रेन के डिब्बे की शक्ल दी गई है. इस सामुदायिक शौचालय को राजापुर से लखनऊ जंक्शन नाम दिया गया है. गांव में लगे नल से पानी बाहर न फैले इसलिए वाटर हार्वेस्टिंग व्यवस्था को मजबूत किया गया है. हर त्योहार और पर्व को ग्राम पंचायत कुछ इस तरह मनाती है कि जिले भर में चर्चा का विषय बन जाता है. अब अमृत महोत्सव को ही ले लीजिए. गांव के हर हैंड पंप को तिरंगे के रंग से रंग दिया गया है. ग्राम प्रधान अश्वनी राय को प्रदेश सरकार के द्वारा कई प्रशस्ति पत्र भी दिया गया है. 


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बेरोजगारों का जीता दिल



ग्राम प्रधान ने अपने गांव में बने सचिवालय के माध्यम से नौकरियों के ऑनलाइन आवेदन ,आय, जाति ,निवास प्रमाण पत्र बनाने की नि:शुल्क व्यवस्था दी है. इतना ही नहीं गांव के छोटे-मोटे झगड़ों का निपटारा थानों के बजाय सचिवालय में काउंसिलिंग से होता है. ग्राम प्रधान अश्वनी राय और उनकी टीम की इस पहल से गांव  वालों के साथ वरिष्ठ अधिकारी भी खुश हैं. मुख्य विकास अधिकारी गाजीपुर प्रकाश गुप्ता ने कहा कि अन्य पंचायत व ग्राम प्रधान को भी राजापुर पंचायत के मॉडल को अपनाना चाहिए.