देहरादून: ऐसा अधिकारी जिसका वाहन सड़क से गुजर रहा हो तो चौराहे पर खड़े ट्रैफिक जवान अलर्ट हो जाते हैं. प्रशासनिक गलियारे में जिसका रुतबा देखते ही बनता हो. ऐसे अधिकारी ने लग्जरी कार की जगह साइकिल से सफर करने की ठान ली है. जानिए क्या है वजह
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राम अनुज/देहरादून: उत्तराखंड की नौकरशाही में आईएएस बीवीआरसी पुरुषोत्तम किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं. सहकारिता विभाग में सचिव हैं. 2004 बैच से प्रशासनिक सेवा में शामिल हुए बीवीआरसी पुरुषोत्तम 2012 में देहरादून के डीएम रहे. वह पूर्व केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के पीएस भी रह चुके हैं. आजकल बीवीआरसी एक फिर सूर्खियों में हैं. सूर्खियों की वजह है उनकी साइकिल. दरअसल आईएएस अधिकारी पुरुषोत्तम को जब भी दफ्तर और आसपास आना-जाना होता है तो उनके साथ न तो कोई लग्जरी कार होती है और न ही काफिला. वह एक साधारण सी साइकिल से सफर करते हैं.
सेक्रेटरी लेवल के अधिकारी का साइकिल से आना-जाना प्रशासनिक सेवा के अन्य अधिकारी के अलावा कर्मचारी सबके लिए किसी अचरज से कम नहीं होता. सहकारिता विभाग में सचिव के रूप में उन्हें न सिर्फ लग्जरी महंगी कार मिली है बल्कि उनके साथ सिक्यूरिटी के जवान भी चलते हैं. बावजूद इसके वह हर दिन 20 किलोमीटर साइकिल से सफर करते हैं. ऐसा उन्होंने पीएम मोदी के फीट इंडिया मूवमेंट से प्रभावित होकर किया है.
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मोदी की अपील से प्रभावित
बीवीआरसी पुरुषोत्तम का कहना है कि प्रधानमंत्री लगातार पर्यावरण की सुरक्षा के लिए काम कर रहे हैं. यदि हम सभी छोटे-छोटे प्रयास से कार्बन फुटप्रिंट कम करें तो धरती को पॉल्यूशन से बचाया जा सकता है. उनका कहना है कि छोटी दूरियों के लिए हमें ज्यादा से ज्यादा साइकिल का उपयोग करना चाहिए. ख़ास तौर पर युवाओं को साइकिलिंग के लिए आगे आना चाहिए.इससे एक तरफ जहां आप शारीरिक रूप से फिट रहेंगे वहीं फ्यूल की खपत कम होने से पर्यावरण प्रदूषण पर भी रोक लगेगी. बताया जाता है कि 2019 में गढ़वाल में कमीश्नर के रूप में बीवीआरसी पुरुषोत्तम का कार्यकाल आज भी लोगों को याद है. ऐसे में एक फिर उन्होंने अपने साइकिलिंग प्रेम के जरिए लोगों को एक बड़ा सामाजिक संदेश दिया रहै.