अजीत सिंह/लखनऊ: लोगों को सोने की शुद्धता का पता नहीं होता है, जिसका फायदा उठाकर ज्वैलर्स ग्राहकों को बिना हॉलमार्क वाला कम कैरेट वाला सोना या अशुद्ध सोना थमा देते हैं, जो कुछ दिनों बाद खराब होने लगता है. वहीं, जब आप उस सोने को वापस करने या बदलने जाते हैं, तो आपको उसका कम रेट मिलता है. इन सभी समस्याओं को खत्म करने के लिए सरकार ने हॉलमार्किंग का नया नियम बनाया. 


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इस साल 1 जून से इसका दूसरा चरण लागू हो जाएगा. देश के 256 जिलों में इसका पहला चरण 23 जून 2021 को लागू किया गया था. इसके लागू होने के बाद ज्वैलर्स बिना हॉलमार्क वाला सोना नहीं बेच सकेंगे. भारतीय मानक ब्यूरो ने 4 अप्रैल 2022 को एक नोटीफिकेशन के माध्यम से यह घोषणा की थी.


बता दें कि अब तक 6 शुद्धता श्रेणियों 14 कैरेट, 18 कैरेट, 20 कैरेट, 22 कैरेट, 23 कैरेट और 24 कैरेट के लिए सोने की हॉलमार्किंग की अनुमति थी. इस प्रकार अन्य शुद्धता (21KT या 19KT) के सोने के आभूषणों को बेचने से पहले हॉलमार्क करना अनिवार्य नहीं था. हालांकि, यह नियम 1 जून बदल जाएगा. अब ज्वैलर्स बगैर हॉलमार्क वाला सोना नहीं बेच सकेंगे. 


गौरतलब है कि हॉलमार्किंग के जरिए सोने की शुद्धता की पहचान हो सकेगी. नया नियम लागू होने के बाद गलत कैरेट का सोना देकर ज्वेलर ग्राहकों को ठग नहीं पाएंगे. हॉलमार्किंग से सोने की शुद्धता की पहचान हो सकेगी. बाआईएस एजेंसी हॉलमार्किंग के सोने की शुद्धता की पहचान को प्रमाणित करती है.


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