Farmers News/पारस गोयल: पौधारोपण अभियान में अब किसानों को सीधा फायदा मिल रहा है. मेरठ में अब ऐसे किसानों का डाटा इकट्ठा किया जा रहा है, जिन्होंने 2018 से लेकर 2021 के बीच कार्बन सोखने वाले पौधे रोपित किए हैं. इन किसानों को पौधारोपण के लिए उनके एकाउंट में पैसा ट्रांसफर किया जा रहा है. ज़िला वन अधिकारी राजेश कुमार का कहना है कि 2018 से 2021 तक जिन किसानों ने पौधे रोपे उनको फायदा मिलेगा. 


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इस योजना का लाभ  मेरठ और सहारनपुर मंडल के किसानों को मिलने जा रहा है. 2018 से 2021 तक जिन किसानों ने पौधे रोपे, वह किसान कार्बन से भी पैसा कमा सकेंगे. यह संभव होगा कार्बन ट्रेडिंग से. इसमें वृक्ष जितना कॉर्बन सोखेंगे, किसानों को उतना क्रेडिट दिया जाएगा. इसके तहत मेरठ मंडल में पिछले तीन सालों में हज़ारों किसानों ने कार्बन सोखने वाले लाखों पेड़ लगाए हैं. ऐसे किसानों को करोड़ों का भुगतान किया जाएगा. 


कार्बन क्रेडिट स्कीम के तहत अगले 18 माह के अंदर धनराशि का भुगतान कार्बन फाइनेंस स्कीम के माध्यम से किया जाएगा. इससे किसान को प्रत्येक पेड़ पर कार्बन क्रेडिट के रूप में प्रतिवर्ष 250 रुपये से लेकर 400 रुपये तक मिलेंगे. इसका आंकलन वैज्ञानिक फॉर्मूले के आधार पर किया जाएगा. वहीं किसानों को 6 डॉलर प्रति टन के हिसाब से भुगतान किया जाएगा. खेतों में लगाए गए पेड़ कितना कार्बन अवशोषित कर रहे हैं, इसके आंकलन के आधार पर भुगतान होगा.


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कार्बन क्रेडिट प्रोजेक्ट में 2018 से 2021 तक कृषि वानिकी के तहत किसानों के लगाए गए पेड़ों से होने वाले कार्बन अवशोषण की मात्रा का आंकलन किया जाएगा. कार्बन क्रेडिट योजना में जिले में स्थापित औद्योगिक इकाइयों से टेरी संस्था कार्बन उत्सर्जन का आंकलन करते हुए धनराशि प्राप्त कर वन विभाग को उपलब्ध कराएगा, जिसे किसानों के सीधे खाते में देंगे.


इधर बीते दिनों हुए वृहद पौधारोपण को लेकर भी बड़ा अभियान चलाया जा रहा है. वन विभाग बीते दिनों लगाए गए लाखों पौधों को बचाने की कवायद कर रहा है. बाकयदा एक टीम पौधों का निरीक्षण कर रही है. ज़िला वन अधिकारी राजेश  कुमार का कहना है कि पौधों की बहुत अच्छी स्थिति है. कोशिश की जा रही है कि जो भी प्लांटेशन किया गया है उसको ज्यादा से ज्यादा बचाएं. जीओ टैगिंग में भी मेरठ अग्रसर है. जीओ टैगिंग में मेरठ टॉप पाइव में जगह बना चुका है. 


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