Jammu Balaji Temple: जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद कई सारे बदलाव हुए हैं. उसी कड़ी में जमीनों के कानून में बदलाव के बाद अब जम्मू के मजीन इलाके में तिरुमला तिरुपति देवस्थानम द्वारा बनाया जा रहा लॉर्ड वेंकटेश्वर यानी बालाजी का मंदिर अब बनकर तैयार हो गया है. 8 जून को इस मंदिर का उद्घाटन होने जा रहा है. इस मंदिर को बनाने में 18 महीनों का समय लगा है.  


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मंदिर के लिए सरकार ने लीज पर दी 62 एकड़ जमीन
2021 में नवंबर के महीने में जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इस मंदिर की नींव रखी थी. जम्मू-कश्मीर सरकार ने तिरुमला तिरुपति देवस्थानम को इस मंदिर को बनाने के लिए 62 एकड़ जमीन लीज पर दी थी, जिसके बाद मंदिर के निर्माण का कार्य शुरू किया गया था. इस मंदिर की विशेषताओं की बात करें तो यह मंदिर हुबहू तिरुपति बालाजी मंदिर का ही रिप्लिका है. 


मंदिर में लगा तिरुपति बालाजी मंदिर में प्रयोग हुआ पत्थर
इस मंदिर को बनाने के लिए भी तिरुपति से करीब 100 से ज्यादा कारीगर जम्मू पहुंचे थे. जिन्होंने दिन-रात की मेहनत के बाद इस मंदिर निर्माण का कार्य पूरा किया. इस मंदिर में भी उसी पत्थर का इस्तेमाल हुआ है जो पत्थर तिरुपति बालाजी मंदिर में लगा हुआ है. यह पत्थर विशेष तौर पर आंध्र प्रदेश के गुंटूर इलाके से मंगवाया गया है. यह पत्थर काफी मजबूत माना जाता है. साथ ही साथ इस पत्थर को काफी पवित्र भी माना जाता है. इसी के चलते जम्मू में बने बालाजी मंदिर में भी इसी पत्थर का उपयोग किया गया है. 


3  मई से शुरू होगी पूजा, 8 मई को गवर्नर करेंगे मंदिर का उद्घाटन
मंदिर के गर्भ गृह में लगने वाली लॉर्ड वेंकटेश्वरा यानी बालाजी की मूर्ति भी आंध्र प्रदेश से जम्मू पहुंच गई है. मूर्ति के गर्भ ग्रह में लगने के बाद 3 मई को मंदिर में विधिवत तरीके से पूजा अर्चना शुरू कर दी जाएगी. 8 मई को जम्मू कश्मीर के गवर्नर मनोज सिन्हा के उपस्थिति में मंदिर का उद्घाटन होगा. जिसके बाद देशभर के श्रद्धालु जम्मू पहुंचकर बालाजी के दर्शन कर सकेंगे.  उत्तर भारत में बना यह तिरुपति बालाजी का पहला मंदिर है. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि बड़ी संख्या में उत्तर भारत के श्रद्धालु तिरुपति जाने की बजाय जम्मू में ही पहुंचकर बालाजी के दर्शन कर सकेंगे. 


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मंदिर निर्मआ में आया करीब 35 करोड़ का खर्च
इस मंदिर को बनाने में तिरुमला तिरुपति देवस्थानम को करीब 35 करोड़ का खर्च आया है. जिसमें मंदिर पर 30 करोड़ जबकि मंदिर के लिए बनाए जा रहे विश्राम गृह साथ ही ऑफिस के लिए 5 करोड़ रुपए का खर्चा आता है. तिरुमला तिरुपति देवस्थानम काफी सालों से जम्मू कश्मीर में बालाजी मंदिर बनाना चाहता था, लेकिन धारा 370 के चलते उसे यहां जमीन नहीं मिल पा रही थी.  


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वैष्णो देवी और अमरनाथ यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं के यहां पहुंचने की उम्मीद
धारा 370 जाने के बाद एलजी प्रशासन द्वारा तिरुमला तिरुपति देवस्थानम को जमीन का आवंटन किया गया. इस मंदिर के बनने के बाद अब जम्मू में इसके चलते धार्मिक पर्यटन के बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है। ऐसा माना जा रहा है की वैष्णो देवी और अमरनाथ यात्रा पर पहुंचने वाले श्रद्धालु अब जम्मू पहुंचकर जरूर तिरुपति बालाजी के भी दर्शन कर वापस अपने घर लौटेंगे. 


(जम्मू से रजत वोहरा की रिपोर्ट) 


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