Gopashtami 2022: कब है गोपाष्टमी, जानें सही डेट, शुभ मुहूर्त के साथ पूजा विधि और महत्व
Advertisement
trendingNow0/india/up-uttarakhand/uputtarakhand1411559

Gopashtami 2022: कब है गोपाष्टमी, जानें सही डेट, शुभ मुहूर्त के साथ पूजा विधि और महत्व

 Gopashtami 2022: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन गायों का दर्शन-पूजन करना चाहिए. इसके बाद गोमाता को नैवेद्य अर्पण करते हुए नैवेद्य में गायों को रुचिकर आहार प्रदान करना चाहिए.

 Gopashtami 2022: कब है गोपाष्टमी, जानें सही डेट, शुभ मुहूर्त के साथ पूजा विधि और महत्व

Gopashtami 2022: कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को गोपाष्टमी मनाई जाती है. इस दौरान यानि गोपाष्टमी के दिन उपवास रखा जाता है. गोमाता को समर्पित इस पर्व में गायों की पूजा की जाती है. गोपाष्टमी मथुरा, वृंदावन और ब्रज का प्रसिद्ध त्योहार है. इस दिन गाय की पूजा की जाती है. साल 2022 में गोपाष्टमी 01 नवंबर को मनाई जाएगी. आइए जानते हैं गोपाष्टमी पूजा (Gopashtami Puja 2022) के लिए शुभ मुहूर्त पूजा विधि और इस दिन का महत्व. हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर भारतीय पर्व परम्परा में गोपाष्टमी मनाई जाती है.

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन गायों का दर्शन-पूजन करना चाहिए. इसके बाद गोमाता को नैवेद्य अर्पण करते हुए नैवेद्य में गायों को रुचिकर आहार प्रदान करना चाहिए.दरअसल सनातन धर्म व संस्कृति के एक अभिन्न हिस्सा माने जाने वाली गाय को, भारत में माता के रूप में पूजा जाता है। गौ (गाय) माता में सभी देवी-देवताओं का वास माना जाता है। गोपाअष्टमी यह पर्व गौ माता को ही समर्पित होता है. 

गोपाष्टमी 2022 तिथि और शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार गोपाष्टमी (Gopashtami 2022) कार्तिक शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है. इस बार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 01 नवंबर, 2022 को देर रात 1 बजकर 11 मिनट से प्ररंभ हो रही है. वहीं अष्टमी तिथि की समाप्ति 01 नवंबर को रात 11 बजकर 04 मिनट पर होगी. उदया तिथि के अनुसार इस साल गोपाष्टमी 01 नवंबर 2022 को मनाई जाएगी. 

कार्तिक शुक्ल अष्टमी तिथि -1 नवंबर, 2022
अष्टमी तिथि शुरु - 01 नवंबर को दोपहर 01:11 बजे से
अष्टमी तिथि का समापन - 01 नवंबर को रात्रि 11:04 बजे तक

गोपाष्टमी की पूजा विधि 
गोपाष्टमी के दिन सुबह गायों को स्नान कराएं.  इस दिन गायों का अच्छी तरह श्रृंगार करें और उन्हें अच्छी तरह सजाएं.इसके बाद फूल से गाय का पूजन करें और गाय के पैर छूएं. गाय का पूजन करने के बाद उनकी परिक्रमा अवश्य करें. अब गौ माता के पैरों की मिट्टी को मस्तक पर लगाएं और हाथ जोड़कर प्रणाम करें.

गोपाष्टमी का महत्व 
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार द्वापर युग में भगवान कृष्ण और बलराम जी को गौ रक्षा की जिम्मेदारी दी गई थी, जिस कारण उन्होंने गौ पालन में प्रशिक्षण भी हासिल किया था. सनातन धर्म में गाय को मां के समान पूजनीय माना जाता है.हिन्दू धर्म में गोपाष्टमी की पूजा महत्वपूर्ण पूजाओं में से एक मानी जाती है. गोपाष्टमी के दिन गाय माता की पूजा अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती है.

Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. Zeeupuk इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.

Chhath Puja 2022: छठ का महापर्व इस दिन से शुरू होगा, जानें सूर्य को अर्घ्य का समय, नहाय खाय से लेकर खरना तक सब कुछ
 

 

 

Trending news