लखनऊ: खेतीबाड़ी से जुड़े क्षेत्रों के लिए जीबीसी 3 (ग्राउंड बेर्किंग सरमोनी) ‘बूस्टर डोज’ साबित होगी. इस क्षेत्र में जीबीसी 3 के जरिए सर्वाधिक 3480 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्ताव आना इसका सबूत है. खास बात यह है कि यह निवेश प्रदेश के हर क्षेत्र के लिए हैं. इस क्षेत्र में आये निवेश के करीब पांच दर्जन प्रस्तावों से 27 जिले संतृप्त होंगे. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

पशुपालन क्षेत्र में बाराबंकी के गोदरेज एग्रोवेट प्राइवेट लिमिटेड 85 करोड़ रुपये, बिजनोर के लिए सांगवान पोल्ट्री फार्म प्राइवेट लिमिटेड 56 करोड़ रुपये, कानपुर नगर के लिए कपिला कृषि उद्योग लिमिटेड के 17 करोड़ रुपये और सहारनपुर के वेंको रिसर्च एंड ब्रीडिंग फार्म लिमिटेड के निवेश 50 करोड़ रुपए का निवेश. इस तरह से जोड़ के कुल 208 करोड़ रुपए का निवेश इस क्षेत्र में है. खेती बाड़ी से जुड़े डेयरी क्षेत्र में भी 5 प्रस्तावों के जरिए 482 करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिले हैं. कृषि और उससे संबन्धित प्रस्तावों में से करीब दर्जन भर प्रस्ताव 100 करोड़ रुपए से ऊपर के हैं. 


भविष्य में किसानों की खुशहाली की वजह बनेंगे ये निवेश
आने वाले दिनों में ये निवेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुसार प्रदेश के लाखों किसानों और गावों की खुशहाली की वजह बनेंगे. मालूम हो कि खेतीबाड़ी की बेहतरी के जरिए किसानों की खुशहाली मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अपने पहले कार्यकाल के पहले दिन से सर्वोच्च प्राथमिकता रही है. पहली कैबिनेट में ही उन्होंने प्रदेश के लघुसीमान्त किसानों की कर्जमाफी के जरिए इसे साबित भी किया. फिर तो यह सिलसिला ही चल निकला. 


मसलन दशकों से लंबित पड़ी सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करते हुए सिंचन क्षमता में करीब 25 लाख हेक्टेयर का विस्तार, रिकॉर्ड मात्रा में धान एवं गेंहू की खरीद एवं तय समय में भुगतान, आजादी के बाद से अब तक का गन्ने का सर्वाधिक भुगतान आदि इसके सबूत हैं. सरकार को यह पता है कि सिर्फ उत्पादन बढ़ाने से किसानों की आय बढ़ने से रही. इसके लिए बाजार की मांग के अनुसार खेती करने के साथ उत्पाद के प्रसंस्करण की भी व्यवस्था करनी होगी. इसीलिए प्रसंस्करण को बढ़ावा देने पर खासा जोर है. जीबीसी-3 में आये प्रस्ताव प्रसंस्करण से ही जुड़े हैं. 


WATCH LIVE TV