नवरात्रि पर अखंड रामायण और दुर्गा सप्तशती पाठ, यूपी सरकार की योजना पर भिड़े हिन्दू और मुस्लिम धर्मगुरु
योगी सरकार ने नवरात्रि में दुर्गाशप्तशती और भगवान श्रीराम के जन्मदिन रामनवमी पर अखंड रामायण का पाठ कराने का फैसला किया है. इस पर अब मुस्लिम और हिंदू धर्मगुरू आपस में आरोप-प्रत्यारोप कर रहे हैं.
लखनऊ : ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार के उस फैसले पर प्रतिक्रिया दी है जिसमें चैत्रनवरात्र पर दुर्गा पाठ एवं रामनवमीं पर अखंड रामयायण का आयोजन किया जाना है. इस मुद्दे पर मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा है कि ''रामनवमी और दुर्ग पूजा के सम्बन्ध में जो घोषणाएं की हैं वो उनका निजी मामला है. संविधान ने हर एक व्यक्ति को अपने धर्म के प्रचार व प्रसारण के लिए इजाजत दी है. मगर वो एक जिम्मेदार पद की कुर्सी पर बैठे हैं और वो सभी के मुख्यमंत्री हैं. उन्होंने शपथ लेते वक्त सभी के साथ इंसाफ करने का वादा किया है.इसलिए उनको अपने शपथ का ख्याल रखते हुए किसी विशेष समुदाय के लिए काम करने के साथ ही साथ दूसरे समुदाय के लिए भी काम करना चाहिए. तभी सभी लोगों का भरोसा कायम हो सकता है.''
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इस मुद्दे पर हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा ''मुख्यममंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने यह ऐतिहासिक फैसला लिया. इसके लिए बहुत-बहुत धन्यवाद. उन्होंने रामनवमी पर रामायण का पाठ और नवरात्र में दुर्गा पाठ कराने की घोषणा की है. इससे समाज में ऊर्जा का संचार होगा. इस मुद्दे पर राजनीति नहीं होनी चाहिए.''
बहरहाल पिछले कुछ समय से प्रदेश की सियासत में धार्मिक मुद्दों पर काफी बहस छिड़ी है. पहले स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरित मानस को लेकर विवादित टिप्पणी कर आस्था के विषय को सियासी रंग देने की कोशिश की अब प्रदेश सरकार के फैसले पर सवाल उठाकर इसे राजनीतिक रंग देने का प्रयास किया जा रहा है. आने वाले कुछ दिनों में राजनीतिक दलों के नेता भी इस मुद्दे पर अपना रंग दिखाने से बाज नहीं आएंगे.
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