मोहम्मद गुफरान/प्रयागराज : आजमगढ़ में फूलपुर विधानसभा से समाजवादी पार्टी के विधायक रमाकांत यादव की जमानत याचिका खारिज हो गई है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जमानत याचिका खारिज की है. पूरा मामला साल 2022 में 21 फरवरी को जहरीली शराब से माहुल में 13 से अधिक लोगों की मौत से जुड़ा है. इसमें 60 से अधिक लोग बीमार हो गए थे, जिन्हें उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था. माफिया विधायक रमाकांत यादव को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट की तल्ख टिप्पणी भी की है. हाईकोर्ट ने कहा कि माफियाओं का लोकसभा व विधानसभा चुना जाना हमारे चुनाव सिस्टम की गंभीर खामी है. कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा ''मौजूदा लोकसभा के 43 फ़ीसदी सदस्य आपराधिक पृष्ठभूमि के हैं.'' कोर्ट ने कहा, रमाकांत यादव के खिलाफ 48 मुकदमे दर्ज हैं, इनमें से आठ मुकदमे हत्या से जुड़े हुए हैं.


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इसके अलावा अपहरण, फिरौती, दुष्कर्म जैसे गंभीर आरोपों अपराधों के भी मुकदमे दर्ज हैं. इतने खतरनाक माफिया और बाहुबली का बार बार चुनाव जीतकर लोकसभा और विधानसभा पहुंचना सिस्टम की खामी है. दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के चुनाव सिस्टम पर सवालिया निशान है. जहरीली शराब मामले में रमाकांत यादव के खिलाफ आजमगढ़ में दो मुकदमे दर्ज हैं.


रमाकांत यादव आजमगढ़ से दो बार सांसद और पांच बार विधायक हैं. जस्टिस डीके सिंह की सिंगल बेंच ने फैसला सुनाया है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बाहुबली माफिया विधायक रमाकांत यादव की जमानत अर्जी नामंजूर कर बात पर गंभीर चिंता जताई कि बाहुबली और माफिया विधायक चुनाव जीतकर बार-बार लोकसभा और विधानसभा में पहुंचते हैं. जो दर्शाता है कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के चुनाव सिस्टम में गंभीर खामी है.


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कोर्ट ने भी माना रमाकांत को डॉन


हाईकोर्ट ने कहा कि मौजूदा लोकसभा में 43 फीसदी सदस्य ऐसे हैं जो आपराधिक पृष्ठभूमि के हैं तथा इन पर गंभीर किस्म के अपराधों में मुकदमे दर्ज है. कोर्ट ने कहा कि अभियुक्त रमाकांत पूर्वांचल का बाहुबली और माफिया डॉन है. पूर्वांचल में माफियाओं का दबदबा है. जिन्होंने आश्चर्यजनक रूप से करोड़ों की प्रॉपर्टी बना ली है. ऐसे लोग गरीब और कानून को मारने वाले लोगों को डरा धमका कर उनके प्रॉपर्टी पर कब्जा कर लेते हैं. इलाहाबाद हाइकोर्ट की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब उमेश पाल हत्याकांड को लेकर अतीक अहमद और मुख्तार अंसारी के गुर्गों पर लगातार पुलिस का शिकंजा कसा जा रहा है.


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