Excise policy in UP: ये लाइसेंस नहीं लिया तो नहीं बेच पाएंगे शराब, दुकानदारों को जारी किया जा रहा नोटिस
शराब की बिक्री को लेकर राज्य सरकार ने नये नियम बनाए हैं.इसके तहत शराब को अब दैनिक जीवन में खाने-पीने के सामान की श्रेणी में शामिल किया गया है. नियमों के मुताबिक रिटेलरों का खाद्य सुरक्षा व औषधी प्रशासन विभाग से जून में ही लाइसेंस बनवा लेना चाहिए था. बावजूद इसके तमाम रिटेलरों ने दिलचस्पी नहीं दिखाई.
आलोक त्रिपाठी/गाजीपुर: शराब दुकान के लाइसेंस को लेकर उससे जुड़े कारोबारियों में काफी प्रतिस्पर्धा देखने को मिलती है. लेकिन गाजीपुर में 376 आबकारी दुकानों में 226 ने नया लाइसेंस लेना मुनासिब नहीं समझा है. दरअसल पिछले दिनों योगी सरकार ने शराब-बीयर को भी फूड सेफ्टी एक्ट में शामिल कर दिया है. नियमों के मुताबिक शराब दुकान चलाने के लिए खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग से लाइसेंस लेना होगा. अपने इस आदेश को धरातल पर उतारने के लिए सभी जिलों में संबंधित अधिकारियों को निर्देश जारी किए गये. खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने इन कारोबारियों के लाइसेंस बनाने शुरू कर दिए हैं. हालांकि गाजीपुर जिले में अभी तक 376 शराब-बीयर की दुकानों में सिर्फ 150 के ही फूड लाइसेंस बने हैं. जनपद में देसी की 217, अंग्रेजी की 83, बीयर की 73 और मॉडलशॉप की तीन दुकानें हैं.
दुकानदारों पर कार्रवाई की तैयारी
राज्य सरकार का निर्देश है कि सभी प्रकार के शराब बेचने वाले रिटेलरों का लाइसेंस खाद्य सुरक्षा व औषधी प्रशासन विभाग से जून में बन जाना चाहिए था. ऐसा करने में नाकाम रहने वाले दुकानदारों पर कार्रवाई की जाएगी. बावजूद इसके तमाम रिटेलरों ने दिलचस्पी नहीं दिखाई. जिनको विभाग ने नोटिस जारी कर कहा है कि जल्द से जल्द लाइसेंस बनवा लें. लाइसेंस के लिए रिटेलर को ऑनलाइन आवदेन करना होगा. ऑनलाइन आवेदन के लिए आधार, दुकान का किरायानामा, शराब बिक्री का लाइसेंस, घोषणा पत्र लगाना अनिवार्य है. आवेदन करने के बाद विभाग से इसकी जांच कर लाइसेंस जारी कर दिया जाएगा.
खाद्य सुरक्षा विभाग के सहायक उपायुक्त अजीत मिश्रा ने बताया कि दुकानदारों को जागरूक करते हुए जल्द से जल्द लाइसेंस बनवाने की नोटिस दी गई है. लाइसेंस न बनवाने वाले दुकानदारों को किसी भी हाल में मदिरा नहीं बेचने दिया जाएगा. जाहिर है कि इससे शराब की बिक्री पर असर पड़ने की आशंका है.
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