Income Tax Raid in Bhutani Group Noida: गौतमबुद्ध नगर : नोएडा रियल स्टेट कारोबारियों (Real Estate Developers) पर इनकम टैक्स की रेड शनिवार को लगातार तीसरे दिन जारी रही. आयकर विभाग ने इस छापेमारी में दो हजार करोड़ लोन में खेल का खुलासा किया है. लॉजिक्स, एडवेंट और ग्रुप108 बिल्डर के यहां दो दिन पहले छापेमारी की गई थी. जबकि दो ब्रोकर कंपनियों के यहां भी रेड डाली गई थी.


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आयकर विभाग गौतम बुद्ध नगर की यूनिट ने नोएडा समेत दिल्ली NCR के 40 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की थी. इनकम टैक्स के 100 से अफसरों ने लेनदेन का पूरा ब्यौरा खंगाला. बताया जा रहा है कि  करोड़ों के कैश और 50 करोड़ के गलत लेनदेन की जानकारी इनकम टैक्स के हाथ लगी है. कमर्शियल प्रॉपर्टी में 40 फीसदी नकद खपाने की जानकारी भी मिली. बड़े स्तर पर टैक्स चोरी के इनपुट के चलते छापेमारी आगे बढ़ाया गया.


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2000 करोड़ के लोन को चुकाने के लिए भूटानी से मिलाया हाथ
सूत्रों के मुताबिक लॉजिक्स ग्रुप ने इंडिया बुल्स से करीब 2000 करोड़ का लोन लिया. इस लोन के बाद उसने नोएडा में पांच से छह प्लाट लिए. ये प्लाट ऑफिस कॉमर्शियल स्पेस के लिए थे. यहां निर्माण शुरू किया गया लेकिन आधे-अधूरे निर्माण के बाद लॉजिक्स ने काम बंद कर दिया. उधर लगातार इंडिया बुल्स की ओर से लोन जमा करने का प्रेशर बना. जिसके चलते लॉजिक्स ने भूटानी ग्रुप के साथ एक एग्रीमेंट साइन किए, जिसके तहत भूटानी ग्रुप इनका कॉमर्शियल स्पेस बनाएगा और बेचेगा. धीरे धीरे लोन के पैसे लॉजिक्स को देगा. हुआ भी ऐसा. लेकिन यहां अधिकतर खेल टैक्स चोरी कर किया गया.


फरवरी 2022 में इनकम टैक्स को मिला पहला इनपुट
बताया जाता है कि डेढ़ साल पहले फरवरी 2022 में इनकम टैक्स विभाग को पहला इनपुट मिला था. इसके बाद उन्होंने दस्तावेजों को खंगालना शुरू किया. इस दौरान उन्हें जानकारी मिली कि भूटानी ग्रुप दो भागों में बंट गया. पहली भूटानी इंफ्रा और दूसरा ग्रुप 108. इनका पैसा भी इस कॉमर्शियल स्पेस में लगा. इसी तरह एडवंट बिल्डर भी पहले भूटानी के साथ कोलेब्रेशन में काम करता था. बताया जाता है कि उसका पैसा भी इसमें लगा है. ऐसे में इन चारों बिल्डरों पर एक साथ रेड की गई है.


ऐसे हुआ टैक्स चोरी का खेल
बताया जा रहा है कि कॉमर्शियल स्पेस बेचने में टैक्स चोरी का पूरा खेल हुआ था.  इस फर्जीवाड़े में 40 प्रतिशत कैश लिया जाता था. ये पूरा खेल लॉजिक्स ग्रुप के कॉमर्शियल प्लाट स्पेस को बेचने को लेकर किया गया. लॉजिक्स ने इसके लिए भूटानी ग्रुप से इंटरनल एग्रीमेंट किया, जिसके तहत भूटानी ने इस स्पेस को बेचना शुरू किया. यहां अधिकांश पैसा ब्लैक में खपाया गया. लगभग एक प्लाट को बेचने में 40 प्रतिशत तक की धनराशि कैश में ली गई. इसके न कोई पक्के दस्तावेज होते है और न ही कोई लीगल डाक्यूमेंट. इसी कॉमर्शियल स्पेस में नामी गिनामी लोगों ने अपना ब्लैक मनी भूटानी में खपाया.