अजीत सिंह/लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार लगातार इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर करने के लिए काम कर रही है. इसी दिशा में प्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. इस फैसले के मुताबिक यूपी सरकार नए हाईवे के लिए केंद्र सरकार सरकार को निशुल्क जमीन देगी. साथ ही ग्रीन फील्ड सड़कों के लिए भी जमीन मुफ्त देगी. बता दें कि पीपीपी मॉडल पर प्रदेश में 25 नए बस स्टेशन बनेंगे, जो आधुनिक सुविधाओं से लैस होंगे.


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आपको बता दें कि योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश के डेवलपमेंट के लिए ये फैसला लिया है. इसके अलावा प्रदेश की अर्थव्यवस्था को वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी बनाने के लिए एक्सप्रेसवे के बाद सड़कों पर विशेष फोकस किया जा रहा है. 


रिंग रोड और बाईपास से जुड़ेंगे मंडल
इसके तहत मंडलों को रिंग रोड और बाईपास से जोड़ा जाएगा. साथ ही सभी डिस्ट्रिक्ट हेडक्वार्टर को सीधे लखनऊ से 4 लेन सड़कों से कनेक्ट किया जाएगा. वहीं, इन सड़कों के किनारे भी विकास की कई कार्य योजना तैयार हो रही है. जिससे लोकल लेवल पर उद्योग लगाया जा सकें. ताकि युवाओं को भी रोजगार के नए अवसर मिल सकें.


सीएम योगी ने पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों को दिया निर्देश
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में सहारनपुर, मुरादाबाद, बरेली, अलीगढ़, मिर्जापुर, झांसी मंडल, देवी पाटन मंडल गोंडा, आजमगढ़ और प्रयागराज में कुछ दूर तक सड़कों का निर्माण कार्य हुआ है. निर्माण पूर्ण होने के बाद इन सड़कों को रिंग रोड अथवा बाई पास से जोड़ दिया जाएगा. इसके तहत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों को सड़कों किनारे विकास कार्यों का रोडमैप तैयार करने का निर्देश दिया है.


शहरों का सुनियोजित विकास है निवेश का जरिया
बता दें कि मुख्यमंत्री ने भविष्य की आवश्यकता को देखते हुए भूमि अधिग्रहित करने का निर्देश दिया है. सीएम योगी का मानना है कि इन सड़कों के किनारे किसानों के लिए मंडी, टाउनशिप, बस अड्डे, औद्योगिक इकाइयों की स्थापना होगी. इसके अलावा अन्य विकास कार्य कराए जा सकते हैं. मुख्यमंत्री का विजन है कि अगर शहरों का सुनियोजित विकास होगा तो, सड़कें निवेश का एक बेहतर जरिया बनेंगी. 


राजधानी से कनेक्ट होंगे ये 25 जिले
आपको बता दें कि लोक निर्माण विभाग ने राजधानी लखनऊ से 25 जिलों को कनेक्ट करने की तैयारी की है. इन जिलों को चार लेन से जोड़ा जाएगा. इन जिलों में बिजनौर, हाथरस, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा, सिद्धार्थनगर, महराजगंज, कुशीनगर, बलिया, पीलीभीत, फर्रुखाबाद, और्रैया, बहराइच, हमीरपुर, महोबा, बांदा, फतेहपुर, अमेठी, प्रतापगढ़, कौशांबी, चित्रकूट, प्रयागराज, संत रविदास नगर, मिर्जापुर और सोनभद्र शामिल हैं. बता दें कि इसके अलावा उत्तर प्रदेश के विकास के लिए तमाम योजनाएं तैयार की जा रही है, जिसे जल्द ही मूर्त रूप दिया जाएगा.


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