लखनऊ : समान नागरिक संहिता को लेकर  देशभर में बहस जारी है. पीएम नरेंद्र मोदी ने इसकी जरूरत पर बल देकर इस बात के संकेत दे दिए हैं कि समान नागरिक संहिता पर केंद्र सरकार आगे बढ़ने को तैयार है. कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल इस मुद्दे का विरोध कर रहे हैं. वहीं बीएसपी और आम आदमी पार्टी इसके समर्थन में हैं. इस बीच मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने मस्जिदों के इमाम से अपील की है. उन्होंने कहा कि ''नमाज से पहले यूनिफॉर्म सिविल कोड पर बात हो. मुस्लिमों को जागरुक किया  जाए.जिससे मुस्लिम UCC के ख़िलाफ़ अपनी राय लॉ कमीशन को भेजें.'' उन्होंने कहा कि ''यूनिफॉर्म सिविल कोड मुस्लिमों को स्वीकार्य नहीं है. इसका इस्लामी शरीयत पर असर पड़ेगा.पर्सनल लॉ बोर्ड की अपील पर मुसलमान अमल करें.''


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एक समान नागरिक संहिता को लेकर मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने राज्य के सभी मुसलमानों से इस पर प्रतिक्रिया देने की अपील करते हुए कहा कि बड़ी संख्या में मुस्लिमों को इसके विरोध में आना चाहिए. 


दरअसल पिछले महीने जब देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर विधि आयोग ने देश के लोगों से उनके सुझाव मांगे थे तबसे ही देश में यूसीसी को लेकर बहस छिड़ गई है. गुरुवार (7 जुलाई) को UCC पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने एक लिंक जारी कर सबसे राय देने की अपील की है. 


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यूसीसी पर बिल लाने की बात करते हुए मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने कहा कि देश के सभी मुस्लिमों को बड़ी संख्या में इस पर अपनी राय देनी चाहिए, क्योंकि यदि UCC लागू होता है तो मुस्लिम पर्सनल कानून पर अमल करने से रोका जा सकता है. उन्होंने कहा ऐसा नहीं है कि सिर्फ मुस्लिम ही इसके खिलाफ हैं बल्कि बड़ी संख्या में कई अन्य लोग भी इसके विरोध में हैं. 


मस्जिदों के इमाम से की अपील
मौलाना खालिद रशीद ने कहा कि ''देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि यह सिर्फ मुस्लिमों को ही नहीं बल्कि देश के अन्य कई नागरिकों के हितों को भी प्रभावित करता है.'' उन्होंने सभी मस्जिद के इमामों से जुमा की नमाज से पहले होने वाले खुत्बे में यूनिफॉर्म सिविल कोड के बारे में मुसलमानों को बताने की अपील की है. उन्होंने यह भी अपील करते हुए कहा कि ''एक जिम्मेदार नागरिक का फर्ज निभाते हुए यूनिफॉर्म सिविल कोड के विरोध में अपनी-अपनी राय ईमेल या डाक के मध्यम से लॉ कमीशन ऑफ इंडिया को भेजें. मौलान ने तकरीर करते हुए कहा की ये कानून मुस्लिम समाज और कई अल्पसंख्यक समाज पर नकारात्मक असर डालेगा और वह इसका विरोध एक भारतीय होने के नाते कर रहे हैं. ''


क्या मानसून सत्र में पेश किया जाएगा यूसीसी बिल?
बीते महीने के आखिरी हफ्ते में यूसीसी पर तगड़ी बहस तभी शुरु हो गई थी जब खुद प्रधानमंत्री ने भोपाल में भाजपा कार्यकर्तोओं को संबोधित करते हुए स्पष्ट संदेश दिया था और कहा था कि ''एक घर में दो कानून नहीं हो सकते हैं, एक घर एक ही कानून से चलता है.''


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