Jewar Airport : उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर में जेवर एयरपोर्ट यानी नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के दूसरे चरण के भूमि अधिग्रहण (land acquisition) का रास्ता साफ हो गया है. इसमें किसानों को प्रति हेक्टेयर 1.80 करोड़ से लेकर करीब दो करोड़ रुपये का मुआवजा मिलेगा. जबकि तीसरे चरण में 9 हजार किसानों के बीच 3900 करोड़ रुपये का मुआवजा बांटा जाना है. 


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एयरपोर्ट (Noida International Airport)  के आसपास की जमीनें भी करोड़ों में बिक रही हैं.  गौतम बुद्ध नगर प्रशासन ने यूपी सरकार को 1365 हेक्टेयर भूमि के अधिग्रहण की मंजूरी के लिए आधिकारक पत्र लिखा है. द्वितीय चरण मे ं3400 रुपये प्रति वर्गमीटर की दर से जमीन अधिग्रहीत की गई है, जबकि पहले चरण में यह रेट 2400 रुपये प्रति वर्गमीटर था.


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यूपी शासन की स्वीकृति के साथ ही अधिग्रहण की कवायद तेज हो जाएगी. अब तक लगभग 75 फीसदी से ज्यादा किसानों ने अधिग्रहण के लिए सहमति दे दी है. नोएडा के डीएम सुहास एल वाई ने जानकारी दी है कि जमीन अधिग्रहीत के लिए किसानों की सहमति मिल गई है. अधिग्रहण के काम का अगले हफ्ते तक धारा 11 के तहत प्रकाशन करा दिया जाएगा.  नोएडा डीएम का कहना है कि मुआवजा बांटने के बाद किसानों की अन्य मांगों को भी सुना जाएगा. जिला प्रशासन  की ओर से आवश्यक चिन्हित भूमि  का अधिग्रहण करने के बाद उसे यमुना प्राधिकरण को सौंपा जाएगा, जो हवाई अड्डे पर काम आगे बढ़ाएगा.


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अधिग्रहीत गांवों को आबादी को कहां विस्थापित किया जाए, इसको  लेकर किसानों और यमुना अथॉरिटी के बीच एकराय नहीं बन पाई है. अधिकारियों के अनुसार, दूसरे चरण में अधिग्रहित की गई जमीन पर जहाजों की मरम्मत और सामान लाने ले जाने के लिए कार्गो बनाया जाना है. सेकेंड फेज में रण्हेरा, कुरैब, नगला हुकम सिंह, नगला शरीफ, मुडहर, बीरमपुर और दयानतपुर गांव की जमीन अधिग्रहित की जानी है. नोएडा के जेवर हवाई अड्डा निर्माण के पहले चरण की जमीन अधिग्रहण का काम पूरा हो चुका है. फर्स्ट फेज में 7 गांव के 3075 किसान परिवारों को जेवर बांगर में बसाया गया है.


नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट या जेवर एयरपोर्ट गौतमबुद्ध नगर के जेवर में बनाया जा रहा है. हवाई अड्डे का काम पूरा होने के बाद यह देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा. नोएडा इंटरनेशनल एय़रपोर्ट लिमिटेड इसके लिए नोडल एजेंसी का कार्य कर रही है. स्विट्जरलैड के ज्यूरिख एयरपोर्ट का परिचालन करने वाली कंपनी  Flughafen Zürich AG ने 2019 में इस हवाई अड्डे के निर्माण की सफल बोली लगाई थी, वो इसे 40 सालों तक संचालित करेगी. एनएचएआई भी जेवर एयरपोर्ट से फरीदाबाद के सेक्टर 65 तक दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे पर पर हाईवे बनवा रही है.


 


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