झांसी: मुख्यमंत्री योगी सुनिए मेरी बात.. `कोई प्लेयर 10 सालों तक मेहनत करें और उसके साथ ऐसा हो..` दीपशिखा ने ऐसे बयां की पीड़ा
राष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी दीपशिखा कुशवाहा ने चयनकर्ताओं पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए कहा कि उनसे कमतर खिलाड़ियों का चयन किया गया. ..जानें और क्या कहा
झांसी/अब्दुल सत्तार: मलखंब की नेशनल प्लेयर दीपशिखा कुशवाहा ने अपने 2 कोचों पर गंभीर आरोप लगाए हैं. दीपशिखा ने आरोपों का वीडियो भी जारी किया है. उन्होंने वीडियो में कहा, "खेला इंडिया की प्राइजमनी का कोच ने आधा हिस्सा मांगा था. मना करने पर मुझे हरवा दिया गया, क्योंकि मैच में कोच ही रेफरी थे. दीपशिखा का कहना है कि वो इन सबसे इतना परेशान हो गई कि खेल का अभ्यास करना ही छोड़ दिया था. हाल में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद भी मुझे कॉलेज की टीम में सिलेक्ट नहीं किया गया. खिलाड़ी इतना टूट गई कि उसने अपने जीते हुए मेडलों को तोड़ डाला.
दीपशिखा ने वीडियो में कहा कि जून के महीने में उनका चयन पंचकूला में हुए यूथ नेशनल गेम के लिए हुआ था. सिलेक्ट होने के बाद उनके दो कोचों ने इनाम राशि में हिस्से की मांग की थी. राशि देने का मना करने पर उनका मानसिक शोषण किया गया. परेशान होकर अभ्यास करना छोड़ दिया था. 22 दिसंबर को वह अपने कॉलेज की ओर से अंतर महाविद्यालय प्रतियोगिता के लिए ट्रायल देने बुंदेलखंड डिग्री कॉलेज गई थी. वहां गई तो निर्णायक रवि परिहार और अनिल पटेल थे. मैंने अच्छा प्रदर्शन किया. इसकी वीडियोग्राफी हुई लेकिन दोनों कोच ने मेरा चयन नहीं किया. इस पक्षपात भरे रवैया से उनका भविष्य खराब हो रहा है.
दीपशिखा ने लगाए कोच पर आरोप
दीपशिखा ने दोनों कोचों पर आरोप लगाते हुए कहा कि हरियाणा के पंचकुला में आयोजित खेलो इंडिया के लिए 4 जून को टीम जानी थी. मेरा सिलेक्शन भी हुआ. सिलेक्शन के बाद कोच ने मां को फोन करते हुए कहा कि 5 लाख रुपये प्राइज मनी है. अगर बेटी जीतती है, तो उसमें से आधा हिस्सा चाहिए. इस पर मां ने कह दिया कि बेटी की मेहनत है तुम्हें पैसे क्यों दें? इसके बाद मुझे खेलने के लिए साथ ले गए लेकिन मेरे साथ बुरा बर्ताव किया. मेरे प्रदर्शन को सही से नहीं आंका गया और मुझे हरवा दिया, क्योंकि मैच में मेरे कोच ही रेफरी थे.
मैं मरने जा रही थी-दीपशिखा
दीपशिखा का कहना है कि 22 दिसंबर की घटना के बाद मैं पूरी तरह टूट गई. कोच इतना मेंटल शोषण करते हैं कि अगर कोई बच्चा झेल न पाए तो फांसी लगा ले. मेरे साथ भी ऐसा ही हो रहा था. मेरे परिवार वाले परेशान होकर मुझे ढूंढ रहे थे. मैं मरने जा रही थी, पर पता नहीं क्या हुआ मैं रात को 3 घंटे की देरी से घर पहुंची. मैंने अपने सारे मेडल और मोमेंटो तोड़ दिए. रात भर की जद्दोजहद के बाद मैंने सुबह वीडियो बनाया.
यूपी के सीएम योगी तक पहुंचे वीडियो
दीपशिखा ने इस वीडियो में अपनी व्यथा बताते हुए कहा कि कोच को जो पैसा दे, वो बेस्ट है और जो पैसा नहीं दे वो बेस्ट नहीं हैं. उन्होंने कहा कि आप सोचिए कि कोई प्लेयर 10 सालों तक मेहनत करता है और उसी के साथ ऐसा हो रहा है. मैं अपनी ये पीड़ा शब्दों में बयां नहीं कर सकती. दीपशिखा ने कहा कि मैं चाहती हूं कि मेरा वीडियो खेलमंत्री और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंचे। ताकि ऐसे लोगों को सबक मिले.
मुख्यमंत्री जी सुनिए मेरी बात, 'कोई प्लेयर 10 सालों तक मेहनत करें और उसके साथ ऐसा हो..' दीपशिखा ने बयां की पीड़ा