नई दिल्ली: साल 2024 का आखिरी प्रदोष व्रत इस बार शनिवार को है जिस वजह से इसे शनि प्रदोष व्रत कहा जा रहा है. साल का आखिरी प्रदोष व्रत 28 दिसंबर 2024 को है. माना जाता है कि शनि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा के साथ शनि के उपाय करने से शनिदेव और भगवान शिव प्रसन्न होते हैं. आइए जानते हैं कब है शनि प्रदोष व्रत.
कब है शनि प्रदोष व्रत
साल का आखिरी शनि प्रदोष व्रत 28 दिसंबर 2024 को है. यह शनिवार को पड़ रहा है इसी वजह से इसे शनि प्रदोष कहा जा रहा है. इस दिन भगवान शिव और शनिदेव की पूजा करने से विशेष लाभ होगा है. पंचांग के अुसार पौष माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को होता है. 28 दिसंबर 2024 को सुबह 2 बजकर 26 मिनट पर शुरू होगी और 29 दिसंबर 2024 को सुबह 3 बजकर 32 मिनट पर खत्म होगी. उदया तिथी के अनुसार प्रदोष व्रत 28 दिसंबर को किया जाएगा. प्रदोष काल की पूजा शाम 5 बजकर 21 मिनट से रात 8 बजकर 6 मिनट तक होगी.
शनि प्रदोष व्रत का महत्व
शनि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और शनिदेव की पूजा करें. ऐसा करने से शनिदेव के बुरे प्रभाव से बचाव होगा. साल के आखिरी में प्रदोष व्रत करने से नए साल पर भोलेनाथ और शनिदेव की कृपा बनी रहेगी. प्रदोष व्रत रखने से आपकी मनोकामना भी पूरी होगी.
सुबह और शाम करें पूजा
शनि प्रदोष पर शिव भगवान की पूजा की जाती है. भगवान शिव की सुबह और शाम दोनों समय पूजा करनी होती है. सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद मंदिर जाकर शिव परिवार की पूजा करें. शिव चालीसा का पाठ करें. शिवलिंग पर बेलपत्र, आक, धतूरा चढ़ाएं. वहीं शाम के समय शनिदेव की पूजा करें. शाम के समय शनि मंदिर में जाकर शनिदेव के सामने दीया जलाएं. वहीं शनिदेव पर सरसों का तेल चढ़ाएं.
Disclaimer:यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee bharat इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.
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