आदित्य मोहन/अयोध्या: जितेंद्र नारायण त्यागी बने वसीम रिजवी ने गुरुवार को सरयू में स्नान कर आधुनिक वस्त्रों का त्याग कर दिया. इस दौरान उन्होंने महंत राजू दास द्वारा भेंट किए गए भगवा वस्त्र वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ सरयू तट पर धारण किया.  इस दौरान उन्होंने कहा कि मेरा बचा हुआ जीवन धर्म-कर्म, हिंदुओं की रक्षा और हिंदुओं की संस्कृति की रक्षा के लिए समर्पित रहेगा.


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सिर काटने का दिया चैलेंज 
दुनियावी कपड़ों का त्याग करने के बाद जितेंद्र नारायण त्यागी ने कहा कि उनके जीवन का धार्मिक पल शुरू हो चुका है. अब सनातन धर्म के लिए कुछ करना है. सबसे पहले हिंदुओं का कल्याण होना चाहिए. उनके अंदर का भय मिटाना बहुत जरूरी है. जितेंद्र नारायण त्यागी ने आगे कहा कि पूरी दुनिया के जिहादी और आतंकी उन्हें मारना चाहते हैं. उनके सिर पर इनाम तक रखा गया है. त्यागी ने कहा कि मैं चैलेंज करता हूं कि मेरा सिर काट लें. मैं डरता नहीं हूं. अगर ऐसा हुआ तो मैं भगवान के दरबार में अपना कटा हुआ सिर लेकर भगवे वस्त्र में हाजिरी दूंगा. यह मेरी कामना है. त्यागी ने आगे कहा कि वे  संन्यास भी धारण करेंगे. जल्द ही उसकी तारीख तय की जाएगी. 


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"हिंदुओं के खिलाफ हो रही है इंटरनेशनल साजिश": जितेंद्र नारायण त्यागी 
वहीं, देश में राजस्थान और महाराष्ट्र की घटनाओं पर बोलते हुए कहा कि हिंदुओं के खिलाफ इंटरनेशनल साजिश है. जो सीरिया में होता है वह हिंदुस्तान में देखने को मिल रहा है. वहीं, काशी और मथुरा को लेकर कहा कि मुसलमानों को आपसी तालमेल से इस मामले को हल कर लेना चाहिए. जितने भी मंदिरों को तोड़कर मस्जिदें बनाई गई हैं. जहां पर यह सिद्ध हो कि मस्जिद की जगह पहले मंदिर था, वह हिंदू भाइयों को वापस कर दी जानी चाहिए. उसके लिए आपसी भेदभाव करने की जरूरत नहीं है. 


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