Jivitputrika Vrat 2022 Confirmed Date: हिन्दू धर्म में संतान प्राप्ति के लिए जीवित्पुत्रिका व्रत बहुत महत्वपूर्ण है. इस व्रत को जितिया औक जिउतिया भी कहा जाता है. बताया जाता है कि जितिया के व्रत को संतान प्राप्ति और उसकी दीर्घायु की कामना के लिए रखा जाता है. इस दिन मां निर्जला व्रत रखकर नहाए खाए के साथ व्रत का पारण करती हैं.


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जानें कब है जितिया का व्रत?
हिंदू कैलेंडर के हिसाब से, यह व्रत हर साल अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को रखा जाता है. इस बार रविवार 18 सितंबर 2022 को निराहार व्रत रखा जाएगा और अगले दिन 19 सितंबर को सूर्योदय के बाद व्रत पूर्ण किया जाएगा. 


जानें क्या है जितिया व्रत पारण का समय?
पंचांग के मुताबिक, अष्टमी तिथि 17 सितंबर की दोपहर 2:13 से शुरू हो रही है और अगले दिन 18 सितंबर को शाम 4.31 पर समाप्त होगी. ऐसे में उदयातिथि 18 सिंतबर है. इसलिए व्रत इस दिन रखा जाएगा. बताया जा रहा है कि सुबह 6.33 तक सिद्धि योग है. हिन्दू पंचांग के मुताबिक, 18 सितंबर की सुबह 11.52 से दोपहर बाद 12.41 तक अभिजीत मुहूर्त भी है. वहीं, सुबह 9:12 से दोपहर 12:14 तक लाभ और अमृत मुहूर्त भी रहेगा. 


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जानें क्या है जितिया व्रत 2022 का महत्व?
हिन्दू धर्म के मुताबिक, जितिया का महाभारत समय से रखा जाता आ रहा है. महाभारत में जब द्रोणाचार्य का वध हुआ तो उनके बेटे अश्वत्थामा ने आक्रोशित होकर ब्राह्रास्त्र चला दिया. इस ब्रह्मास्त्र से अभिमन्यु की पत्नी उत्तरा के गर्भ में पल रहा शिशु नष्ट हो गया. इसके बाद, श्रीकृष्ण ने शिशु को फिर जीवित किया. इस वजह से इसका नाम 'जीवित्पुत्रिका' रखा गया. तबसे ही महिलाएं अपने बच्चे की दीर्घायु के लिए और संतान प्राप्ति के लिए यह व्रत रखने लगीं. कहा जाता है कि मां द्वारा जितिया का व्रत रखने से संतान के जीवन सुख समृद्धि बनी रहती है. 


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