प्रतापगढ़ः यूपी के प्रतापगढ़ से बड़ी खबर सामने आई है. जहां पॉक्सो एक्ट कोर्ट  के जज पंकज कुमार श्रीवास्तव ने रेप के आरोपी को सजा सुनाई है. बड़ी बात ये है कि पॉक्सो कोर्ट के अपर न्यायाधीश ने मात्र 20 दिनों में रेप के आरोपी को आजीवन कारावास 'टिल दी डेथ' की सजा सुना दी. इसका मतलब है कि अब रेप का आरोपी राजकुमार मौर्य जीवन की अंतिम सांस तक जेल में सजा कटेगा. आइए आपको बताते हैं कि पूरा मामला क्या है.


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घर में मासूम भाई को बंधक बनाकर बहन के साथ किया था रेप
दरसअल. मामला बीते 10 जून 2022 का है जब नगर कोतवाली इलाके की रहने वाली 11 साल की किशोरी के साथ आरोपी राजकुमार उर्फ फुटानी मौर्या ने घर में घुसकर कर दुष्कर्म किया. इस दौरान घर में किशोरी का छोटा भाई भी मौजूद था. आरोपी लालगंज इलाके का रहने वाला है. आरोपी राजकुमार मौर्या किशोरी के पिता को खोजने नगर कोतवाली की रहने वाली किशोरी के घर पंहुचा था.


तभी घर में दोनों को अकेला देख बच्ची पर उसकी नियत फिसल गई. किशोरी के भाई को आरोपी राजकुमार ने किचन में बंद कर दिया, जिसके बाद आरोपी ने कमरे में ले जाकर किशोरी से दुष्कर्म किया. इसके बाद आरोपी वहां से फरार हो गया. घटना के समय किशोरी के माता-पिता किसी काम से बाहर गए थे.


नगर कोतवाली में रेप और पॉक्सो एक्ट में दर्ज किया था मुकदमा
घर आने के बाद किशोरी ने परिजनों को आपबीती सुनाई. जिसके बाद परिजनों ने आरोपी राजकुमार पर रेप और पॉक्सो एक्ट की गंभीर धाराओं में नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया. इस मामले में 26 जुलाई को पुलिस ने न्यायालय में आरोपी का आरोप-पत्र दाखिल किया था. इसके बाद 5 अगस्त को कोर्ट में आरोप पत्र तैयार किया गया, 8 अगस्त को 6 लोगों की इस मामले में गवाही कराई गई. इसके बाद 24 अगस्त 2022 को आरोपी को पॉक्सो कोर्ट ने दोषी करार दिया. 


विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट कोर्ट के जज पंकज श्रीवास्तव ने सुनाई सजा
25 अगस्त को कोर्ट ने आरोपी राजकुमार मौर्या को पुलिस के चार्टशीट के बाद 20 दिनों में ही ने सजा सुना दी. विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट कोर्ट के जज पंकज श्रीवास्तव ने सजा सुनाई. इस मुकदमे की पैरवी सरकारी वकील देवेश चंद्र त्रिपाठी की. आपको बता दें कि यह प्रतापगढ़ में पॉक्सो कोर्ट की अब तक की ऐतिहासिक सजा मानी जा रही है, क्योंकि कोर्ट ने जहां मात्र 20 दिनों में आरोपी को सजा सुनाई तो वहीं आखरी सांस तक उसे सलाखों के पीछे रहना पड़ेगा.कोर्ट ने उस पर 31 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. यह धनराशि पीड़ित बालिका को दी जाएगी.


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