Independence Day 2023: बिजनौर जेल में आज भी जिंदा हैं काकोरी कांड के क्रांतिकारी की यादें, शचींद्रनाथ बख्शी से कांपती थी अंग्रेजी हुकूमत
Bijnor News: यूपी के बिजनौर जेल में आज भी काकोरी कांड के क्रांतिकारी की यादें जिंदा हैं. क्रांतिकारी शचींद्रनाथ बख्शी से अंग्रेजी हुकूमत कांपती थी. इन्होंने ही अपने साथियों के साथ मिलकर काकोरी कांड को अंजाम दिया था. बिजनौर जिला कारागार में इन्होंने सजा काटी थी.
राजवीर चौधरी /बिजनौर: भारत को अंग्रेजों से आजाद कराने में कई महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने अहम भूमिका निभाई. कई क्रांतिकारियों ने जेल की सजा काटी, मगर आजादी की लौ बुझने नहीं दी. उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिला कारागार परिसर में प्रमुख क्रांतिकारी शचींद्रनाथ बख्शी की मूर्ति का अनावरण किया गया. यूपी डीजी जेल एसएन साबत ने मूर्ति का अनावरण किया. इस मौके पर डीएम, एसपी समेत तमाम आलाधिकारी मौजूद रहे. स्वतंत्रता संग्राम सेनानी शचींद्रनाथ बख्शी अंग्रेजी शासन काल में साल 1925 मे बिजनौर जिला कारागार मे बंद रहे थे.
419 क्रांतिकारियों ने काटी सजा
जानकारी के मुताबिक बिजनौर जेल में साल 1925 से देश आजाद होने तक 419 क्रांतिकारियों ने जेल की सजा काटी थी. बिजनौर जेल की नींव आजादी से पहले साल 1852 में रखी गई थी. अब जेल में पुराने रिकॉर्ड का अनुवाद किया जा रहा है. जेल बनने के बाद से साल 1925 तक का रिकॉर्ड फारसी भाषा में लिखा गया है, जिसका अनुवाद किया जा रहा है, लेकिन साल 1925 से साल 1947 तक का रिकॉर्ड पढ़ लिया गया है. इसमें सामने आया कि इन 22 सालों में 419 क्रांतिकारी सिर्फ भारत रक्षा कानून के तहत जेल में डाले गए थे.
साल 1915 में लागू हुए भारत रक्षा कानून को अंग्रेजी सरकार क्रांतिकारियों को जेल भेजने के लिए इस्तेमाल करती थी. बिजनौर जेल में बंद रहे इन 419 क्रांतिकारियों की याद में एक स्मारक जेल परिसर के बाहर बनाया गया है. इस पर इन सभी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के नाम लिखे हुए हैं. शचींद्रनाथ बख्शी ने ही अपने साथियों के साथ मिलाकर काकोरी कांड को अंजाम दिया था. जिला जेल अधीक्षक अदिति श्रीवास्तव ने क्रांतिकारी शचीन्द्रनाथ बख्शी के जेल मे बंद होने के दस्तावेज खोज निकाले.
क्रांतिकारी शचींद्रनाथ बख्सी की मूर्ति का किया गया अनावरण
यूपी जेल डीजी एसएन साबत ने काकोरी कांड के मुख्य आरोपी शचींद्रनाथ बख्शी की मूर्ति का अनावरण किया है. जेल रिकार्ड के मुताबिक क्रांतिकारी शचींद्रनाथ बख्शी ने काकोरी रेलवे स्टेशन के पास से अंग्रेजी सरकार का खजाना लूट लिया था. इसमें शचींद्रनाथ बख्शी को गिरफ्तार किया गया और उन पर मुकदमा चला. शचींद्रनाथ बख्शी को पहले लखनऊ फिर फतेहगढ़ और इसके बाद बिजनौर जेल में रखा गया. चौदह दिसंबर 1928 को शचींद्रनाथ बख्शी पहली बार बिजनौर जेल आए. यहां 12 दिन रखने के बाद उन्हें लखनऊ जेल भेज दिया गया. इसके बाद 31 दिसंबर 1928 को बिजनौर जेल भेजा गया. यहां वे 8 मई 1929 तक बंद रहे.
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