Kali Documentary Controversy:  कनखल स्थित निर्मल अखाड़े के प्रांगण में आयोजित अखाड़ा परिषद की बैठक में 'काली' के पोस्टर का विवाद उठा. अखाड़ा परिषद के महानिर्वाणी गुट की इस बैठक में कई अखाड़ों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. सभी ने काली डॉक्यूमेंटरी के पोस्टर पर काली प्रतिमा को सिगरेट पिलाने की घटना की कड़ी निंदा की और साथ ही सरकार से अपील की कि इसपर रोक लगाई जाए. संतों के अनुसार, लगातार ऐसी कोशिशें करके हिंदू धर्म को ना केवल बदनाम किया जा रहा है, बल्कि समाज को सांप्रदायिकता की आग में धकेला भी जा रहा है.


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देशभर में प्रसारण पर रोक लगाने की मांग
अब साधु-संतों का कहना है कि काली के निर्माताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. इतना ही नहीं, अखाड़ा परिषद अध्यक्ष ने इस डॉक्यूमेंटरी के देश में प्रसारण पर रोक लगाने की सरकार से मांग की है. 


सांप्रदायिकता को तनाव की ओर ले जाया जा रहा
महंत रविंद्र पुरी, अध्यक्ष, अखाड़ा परिषद का कहना है कि उन्होंने चित्र देखा कि काली माई की प्रतिमा को किसी ने सिगरेट पिलाते दिखाया है. संत अखाड़ा इसकी कड़ाई से निंदा करता है. यह देवी-देवताओं का अपमान है. इसलिए शासन को इसपर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए. उनका कहना है कि आज कुछ लोगों के द्वारा सांप्रदायिकता को तनाव की ओर लेकर जाया जा रहा है. यह विषय भी उनमें से ही एक है. देश में तनाव न बढ़ने पाए, इसलिए भारत में कई कानून हैं. 


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सेंसर बोर्ड से रोक लगाने की मांग
संतों का कहना है कि जिन लोगों ने यह डॉक्यूमेंटरी बनाई है, उनपर कार्रवाई होनी चाहिए और सेंसर बोर्ड को इसपर रोक लगानी चाहिए. वहीं, भारत में इसका प्रचार बिल्कुल नहीं होना चाहिए. अखाड़ा परिषद इसका पुरजोर विरोध करता है. 


हनुमानगढ़ी के महंत ने दी धमकी
गौरतलब है कि भारतीय फिल्म मेकर लीना मणिमेकलाई अपनी डॉक्यूमेंटरी काली को लेकर विवादों में घिरी हुई हैं. इसके पोस्टर में माता काली के हाथ में सिगरेट और LGBT का झंडा देखकर यूपी के अयोध्या में भी साधु-संतो ने आक्रोश व्यक्त किया है. इतना ही नहीं, हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने फिल्म मेकर लीना को अदयपुर की घटना के तर्ज पर सीधी धमकी दी है. उन्होंने कहा है, "क्या चाहते हो तुम्हारे भी सिर तन से जुदा हो जाएं क्या, यही इच्छा है क्या?"


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