कानपुर/प्रभात अवस्थी: कन्नौज में हिस्ट्रीशीटर अशोक यादव की पुलिस पर फायरिंग में सिपाही सचिन राठी की कानपुर के रीजेंसी अस्पताल में इलाज की दौरान मंगलवार को मृत्यु हो गई. रीजेंसी में उसे देखने मंगेतर भी पहुंची थी, लेकिन वहां सिपाही का शव देख वो फफक पड़ी. दो महीने बाद दोनों की शादी होनी थी. वो शव के साथ जाने की जिद करने लगी. साथी पुलिसकर्मियों के भी ये दृश्च देख आंसू छलक पड़े.


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कानपुर में ही शहीद सचिन राठी का पोस्टमार्टम किया गया. पोस्टमार्टम के लिए पोस्टमार्टम हाउस शव ले जाया जाने लगा तो मंगेतर उसी एंबुलेंस गाड़ी में आखिरी वक्त अपने हमसफर के साथ जाने की जिद करने लगी. लेकिन प्रोटोकॉल ने इसकी इजाजत नहीं दी. 


उधर कन्नौज में  एडीजी और आईजीघटना स्थल पहुंचे, जहां सचिन राठी को गोली लगी थी. अफसरों ने जगह का निरीक्षण किया. हिस्ट्रीशीटर के घर के अंदर तमाम जानवर भी बंधे थे, जिन्हें गांव के प्रधान को सौंपा गया.



मृतक कांस्टेबल सचिन राठी मुजफ्फरनगर जनपद की बुढाना कोतवाली क्षेत्र स्थित शाहडब्बर गांव का रहने वाला था. इंटर की परीक्षा पास करने के बाद सचिन राठी सन 2018-19 की भर्ती के दौरान पुलिस में भर्ती हुआ था. सचिन राठी लंबे समय से कन्नौज जनपद में ही तैनात था. परिवार की बात करें तो 27 वर्षीय सचिन राठी के परिवार में मां गीत पिता वेदपाल बड़ा भाई जतिन और छोटी बहन छोटी है. 


फरवरी माह में सचिन राठी की शादी होना तय हुई थी लेकिन उससे पहले ही यह घटना घट गई। सचिन राठी के चाचा देवेंद्र राठी ने बताया कि अभी दो-तीन दिन पहले वह छुट्टी आ रहा था तो उससे बात हुई थी. उसकी जो 2018 की भर्ती थी वह 2019 में पूरी हुई थी. उसके परिवार में उसका भाई है. एक छोटी बहन है व उसके मां-बाप हैं तो छोटा ही परिवार है. शुरू से ही कई साल हो गए वह कन्नौज में ही था. सरकार से हम यही कहेंगे कि हमारा तो चला गया तो एक तो उसे शहीद का दर्जा मिलना चाहिए और एक जिन लोगों ने एक काम किया है उन सफाया होना चाहिए और उन बदमाशों कों भी ऐसी ही मौत मारना चाहिए वही बदमाशों को खत्म कर देना चाहिए हमारी सरकार से यही मांग है, जिस तरह हमारा बेटा गया है, उस तरह ही आरोपियों के साथ होना चाहिए.