अतीक हत्याकांड पर बोले बीजेपी सांसद, पुलिस सुरक्षा के बीच तो PM की भी हत्या हुई थी
Kanpur News : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कानपुर देहात में देर रात एक निजी कार्यक्रम में बीजेपी सांसद सुब्रत पाठक पहुंचे. इस दौरान कार्यक्रम में मंच सझाकर सांसद ने स्कूली बच्चों को पुरुस्कार भी वितरित किया.
आलोक त्रिपाठी/कानपुर देहात: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कानपुर देहात में देर रात एक निजी कार्यक्रम में बीजेपी सांसद सुब्रत पाठक पहुंचे. इस दौरान कार्यक्रम में मंच सझाकर सांसद ने स्कूली बच्चों को पुरुस्कार भी वितरित किया. वहीं, मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने अतीक अहमद हत्याकांड को लेकर कई बयान दिए. दरअसल, उन्होंने पुलिस अभिरक्षा में अतीक की हत्या को लेकर पीएम की हत्या का जिक्र कर डाला. आइए बताते हैं उन्होंने क्या कुछ कहा.
आपको बता दें कि पुलिस अभिरक्षा में अतीक अहमद के सवाल पर सांसद सुब्रत पाठक ने कहा कि पुलिस सुरक्षा के बीच में तो प्रधानमंत्री की भी हत्या हुई थी. क्या किया जा सकता है? उत्तर प्रदेश में कोई भला आदमी नहीं परेशान है. अपराधी माफिया परेशान हैं. इसके इतने सारे अपराध थे, अब इन्हें कौन मार गया, इसकी जांच चल रही है.
वहीं, जालौन में दिन दहाड़े महिला की हत्या के मामले में कानून व्यवस्था को लेकर सांसद ने कहा कि अब हत्या करने वाले के साथ क्या दशा की जाएगी, ये आप देख लीजिएगा. सड़क पर ही इंसाफ होगा तो कोर्ट की कितनी जरूरत, इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि जिस अपराधी पर 100 से अधिक मुकदमे हैं, कौन आया किसने मारा इसके लिए जांच कमेटी बनी है. वहीं, अतीक के वकील के चिट्ठी वाले बयान पर सुब्रत ने बोला की जिन हत्यारों का नाम लिखा होगा उनपर कार्रवाई होगी. अतीक की मौत पर पाठक ने कहा की जब लोगों को लगा की एक अपराधी का साम्राज्य खत्म हो गया, तो कोई भी अपना बदला लेने आ गया होगा.
बीजेपी सांसद ने गुस्से में कहा की एक कमजोर गरीब पिछड़े उमेश पाल को मारा गया. उससे पहले राजू पाल को मारा. वोट बैंक के लालच में उसका किसी ने कुछ नहीं किया. योगी सरकार ने उस गरीब पिछड़े को न्याय दिलाया है. सब तहस नहस कर मिट्टी में मिला दिया. वहीं, बीजेपी नेताओं पर मुकदमे की कार्रवाई की बात पर बीजेपी सांसद आग बबूला हो गए. उन्होंने कहा कि मुकदमे तो मेरे ऊपर भी थे. सारे मुकदमे कोर्ट से खत्म हो गए, तो क्या मैं अपराधी हूं या माफिया हूं. ये तो समाजवादी पार्टी की सरकार में जितने भी भले लोग होते थे, उनपर मुकदमे लिखाए जाते थे.