कोविड संक्रमण रुकने के बाद बढ़ा रावण का कद, पुतला बनाने वाले कारीगरों को बेहतर की उम्मीद
इस बार सरकार की तरफ से मिली छूट और कोविड संक्रमण रुकने के बाद रामलीला कमेटियों की तरफ से इन सभी कारीगरों को रावण दहन के लिए पुतलों का आर्डर मिल रहा है जिससे यह कारीगर काफी खुश है.
कानपुर: कोविड संक्रमण के चलते पिछले 2 सालों से करोना की मार से हर कोई बेहाल था. आम आदमी हो या खास कोरोना के चलते सभी का काम धंधा लगभग ठप सा पड़ गया. वहीं दशहरे के मौके पर रावण ,कुम्भकर्ण ,और मेघनाथ के पुतला तैयार करने वाले कारीगरों ने भी कोरोना काल में बड़ी मुसीबतों का सामना किया. लॉकडाउन और कोरोना के चलते पिछले दो साल से कोई त्योहार न मनाए जाने से इन लोगों के ऊपर रोजी -रोजी का संकट पैदा हो गया. लेकिन इस बार इन कारीगरों को कुछ कारोबार बेहतर होने की उम्मीद है.
मिले रावण के पुतले बनाने के ऑर्डर
जनपद फर्रुखाबाद, कासगंज बदायूं जैसे जिलों से आकर यह कारीगर कानपुर और उसके आसपास इलाकों में वर्षों से रावण दहन के लिए पुतला तैयार करते चले आ रहे हैं. इस बार सरकार की तरफ से मिली छूट और कोविड संक्रमण रुकने के बाद रामलीला कमेटियों की तरफ से इन सभी कारीगरों को रावण दहन के लिए पुतलों का आर्डर मिल रहा है जिससे यह कारीगर काफी खुश है.
50 से 60 फुट तक के रावण पुतले तैयार
इनका कहना है कि कई वर्षों से यह 5 फीट से लेकर 50 फीट तक के पुतले तैयार करते चले आ रहे हैं. जहां पिछले दशहरे पर यह 30 से 40 फुट तक के रावण पुतले तैयार कर रहे थे. इस बार 50 से 60 फुट तक के रावण पुतले तैयार कर रहे हैं और इन्हें ऑर्डर भी अच्छी तादात में मिल रहे है.
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