Kanpur: 11 साल के यशवर्धन देते हैं IAS-PCS की कोचिंग, सात साल की उम्र में शुरू किया था पढ़ाना
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Kanpur: 11 साल के यशवर्धन देते हैं IAS-PCS की कोचिंग, सात साल की उम्र में शुरू किया था पढ़ाना

Kanpur:  उत्तर प्रदेश के कानपुर के लाल बंगला में रहने वाले यशवर्धन सिंह को प्रकृति ने ज्ञान का भंडार दिया है.... यश का जन्म 25 दिसंबर 2010 को हुआ था. वे अभी महज 11 साल के हैं और रघुकुल स्कूल के कक्षा 7 के छात्र हैं. यश अपनी उम्र से बड़े विद्यार्थियों...

Kanpur: 11 साल के यशवर्धन देते हैं IAS-PCS की कोचिंग, सात साल की उम्र में शुरू किया था पढ़ाना

श्याम जी तिवारी/कानपुर: एक कहावत है- होनहार बिरवान के होत चिकने पात यानी की जो होनहार होते हैं उनकी प्रतिभा बचपन मे ही दिखाई देना शुरू हो जाती है. भारत में प्रतिभा की कमी नहीं है. ऐसी ही एक प्रतिभा यूपी के कानपुर की है जो छोटी सी उम्र में वो काम कर रहा है जिसके बारे में आप पढ़ेंगे तो कह उठेंगे, हमें तुम पर नाज है. तो इस रिपोर्ट में हम आपको मिलाते हैं कानपुर के रहने वाले यशवर्धन सिंह से, जिनको प्रकृति ने ज्ञान के भंडार से नवाजा है. 

प्रकृति ने दिया ज्ञान का भंडार 
उत्तर प्रदेश के कानपुर के लाल बंगला में रहने वाले यशवर्धन सिंह को प्रकृति ने ज्ञान का भंडार दिया है. यश का जन्म 25 दिसंबर 2010 को हुआ था. वे अभी महज 11 साल के हैं और रघुकुल स्कूल के कक्षा 7 के छात्र हैं. यश अपनी उम्र से बड़े विद्यार्थियों को आईएएस, पीसीएस की ऑनलाइन और ऑफलाइन क्लासेज देते हैं. यश स्कूल और कॉलेजों में भी जाकर शिक्षा के प्रति जागरूक करते हैं.

आईएएस और पीसीएस की क्लासेज देते हैं यशवर्धन
अगर इनकी क्लासेज की बात करें तो ये उत्तम कैरियर इंस्टीट्यूट, किदवई नगर में पढ़ाते हैं. इस संस्थान में ऑल ओवर इंडिया में 4 हजार से ज्यादा आईएएस, पीसीएस के छात्र हैं. अगर बात करें इनकी शिक्षा की तरफ झुकाव  की तो उसमें इनकी मां का विशेष योगदान रहा है. इनकी मां जो खुद पीसीएस की तैयारी कर चुकी हैं और वर्तमान में अध्यापिका ( बेसिक शिक्षा विभाग ) हैं.

पढ़ने के अलावा क्रिकेट का शौक रखते हैं यशवर्धन
यश का कहना है कि शिक्षा के प्रति उनकी रुचि 2017 से थी. उन्होंने 2019 से पढ़ाना शुरू कर दिया. उन्होंने बताया कि उन्हें उनके टीचर और घर वालों से बहुत सपोर्ट मिलता है. वो अभी जर्मन और रशियन भाषा का भी ज्ञान अर्जित कर रहे हैं. उन्हें शिक्षा के क्षेत्र से और देश-विदेश से कई मेडल ,पुरस्कार,और प्रशस्ति पत्र भी मिल चुके हैं. इसके साथ ही यश का कहना है कि उन्हें पढ़ना और पढ़ाना बहुत अच्छा लगता है. यश को क्रिकेट का भी शौक है. यश अपना सारा स्नेह अपनी बड़ी बहन अन्वी सिंह को देते हैं. यश का कहना है कि भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी को अपना आदर्श मानते हैं. उनका सपना है कि वे ग्रेजुएशन के बाद ग्लैड की तैयारी करना चाहते हैं और दिल्ली जाकर सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस करना चाहते हैं.

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