कानपुर: समाजवादी पार्टी के करीबी माने जाने वाले कानपुर के बड़े इत्र कारोबारी पीयूष जैन के घर में सीबीआइसी की टीम का छापा पड़ा तो जो सामने आया, उसे देख आंखें चौंधिया जाना लाजमी था. अजय देवगन की मूवी उस समय जीवित हो गई, जब अलमारियों से नोटों की इतनी गड्डियां निकलीं कि कैश गिनने वाली मशीनें भी कम पड़ गईं. 2 दिन लगातार चली रेड में 500-500 के नोटों की हजारों गड्डियां मिलीं. कुल मिलाकर करीब 150 करोड़ रुपये का कैश बरामद किया गया. वहीं, भारी मात्रा में जेवरात भी पाए गए. सीबीआइसी अधिकारियों ने दीवारों को ठोक-ठोककर कैश तलाशने की कोशिश की. कैश की मात्रा इतनी ज्यादा थी कि उसे भरने के लिए 47 बक्से आए और फिर कई घंटों तक उन्हें भरा गया. इसके बाद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया भिजवाया गया.


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दीवारें, फर्श, टाइल्स सब तोड़ा गया
बताया जा रहा है कि पीयूष जैन के घर के अंदर दीवारों को ठोंका गया तो उसमें खाली जगह पाई गई. वहां से भी अच्छा-खासा कैश निकला है. घर के ग्राउंड फ्लोर और फर्स्ट फ्लोर में भी नगदी मिली है. अलमारियों में ठसाठस भरी नोटों की गड्डियों के पैकेज की तो फोटो भी अब सबने देख ली है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पीयूष जैन के पड़ोसियों का कहना है कि शुक्रवार को ही उनके घर में टीम को घुसते देखा था. इसके कुछ समय बाद ही तोड़फोड़ की आवाजें आने लगी थीं. ऐसी आवाजें सुनकर पड़ोसियों ने समझ लिया था कि घर की दीवारें, जमीन, टाइल्स, आदि सबकुछ तोड़ा जा रहा है. 


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नोट गिनने में इसलिए लगा समय
वहीं, यह भी जानकारी मिल रही है कि छापे के दौरान नोट गिनने में देरी इसलिए हुई, क्योंकि खराब नोट गिनने में नहीं आ रहे थे. नोट गिनती वाली मशीन हमेशा नकली और खराब नोटों को फेंक देती है. इसलिए सही 100 नोटों की गड्डियां हाथों से बनाई गईं, जिसमें समय लग गया.


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