जयपाल/वाराणसी: 17 नवंबर से शुरू हुए काशी तमिल संगमम का शुक्रवार को समापन हो गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 नवंबर को इस संगमम की आधिकारिक शुरुआत की थी. वाराणसी में पिछले एक महीने से दक्षिण भारतीय संस्कृति पर आधारित कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. शुक्रवार को समापन कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि भारत विविध भाषाओं, संस्कृतियों, कला और सभ्यताओं से बना है. लेकिन जब हम करीब से देखते हैं तो इस देश की आत्मा एक है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

गृहमंत्री मंत्री ने कहा कि काशी वालों का धन्यवाद करना चाहता हूं. उन्होंने कहा कि तमिलनाडु से आए हुए सभी भाई-बहनों का काशी वासियों ने मन से स्वागत किया है.तमिलनाडु वाले काशी को कभी भूल नहीं सकते. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा आयोजित इस अनूठे कार्यक्रम ने दक्षिण और उत्तर भारत के सांस्कृतिक एकता का संदेश दिया है. 



समापन कार्यक्रम में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी मौजूद रहे. उन्होंने इस मौके पर कहा कि एक महीने तक चले इस अभूतपूर्व कार्यक्रम ने एकता का संदेश दिया है. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर केंद्रित पुस्तक का विमोचन भी हुआ. 


 यह भी पढ़ें: हत्या का मुकदमा दर्ज होने के बाद पिस्टल लेकर फरार हुआ थानेदार, पुलिस दर्ज करेगी एक और FIR


संगमम के दौरान बीएचयू के एम्फिथियेटर मैदान में हर दिन दक्षिण भारतीय कार्यक्रम आयोजित किए जाते थे. तमिल संगमम की शुरुआत पद्मश्री इलैयराजा के गीत और संगीत से हुई थी. इसके बाद हर दिन काशीवासियों ने समृद्ध तमिल सांस्कृतिक विरासत की झलक देखी. सुबह वाराणसी एयरपोर्ट पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का स्वागत सीएम योगी आदित्यनाथ ने किया. समापन कार्यक्रम को लेकर हाईप्रोफाइल नेताओं की मौजूदगी को देखते हुए सुरक्षा के सख्त इंतजाम किए गए थे.


केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बनारस दौरे को राजनीतिक रूप से काफी अहम है. उत्तर प्रदेश में कुछ समय बाद नगरीय निकाय चुनाव होना है. यही वजह है कि काशी तमिल संगमम में भी बीजेपी प्रत्याशियों ने खूब अपनी ताकत दिखाने की कोशिश की है.


WATCH: प्रसिद्ध अविष्कारक मार्कोनी ने आज ही के दिन पहला रेडियो स्टेशन बनाया, जानें आज का इतिहास