थाने में एक शख्स की मौत मामले में कानपुर के थानेदार की मुश्किलें और बढ़ती जा रही हैं. अपने ही थाने में हत्या का मुकदमा झेल रहा थानेदार अब पिस्टल लेकर फरार है. ऐसे में उस पर एक और FIR की तलवार लटक रही है.
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आलोक त्रिपाठी/कानपुर देहात: कानपुर देहात में 12 दिसंबर की रात पुलिस बर्बरता के शिकार हुए व्यापारी सरैंया लालपुर निवासी बलवंत सिंह की मौत के बाद आरोपी पुलिसकर्मियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया था. वारदात में शामिल तत्कालीन एसओजी प्रभारी को देर रात गिरफ्तार कर लिया गया. वहीं घटना में शामिल तत्कालीन रनियां थानाध्यक्ष शिव प्रकाश सिंह को मुकदमे की जानकारी हुई तो वह सरकारी पिस्टल सहित फरार हो गया. इसके बाद तत्कालीन रनियां थानाध्यक्ष की मुश्किल और बढ़ती नजर आ रही हैं. गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम आसपास के जिले में भी छापेमारी कर रही है.
दर्ज हो सकता है एक और मुकदमा
कानपुर देहात पुलिस सूत्रों की माने तो व्यापारी सरैंया लालपुर निवासी बलवंत सिंह (27) की बेहरहमी से पिटाई की गई थी,जिससे उसकी मौत हो गई थी. मामले में मृतक के चाचा अंगद सिंह की तहरीर पर तत्कालीन रनियां थानाध्यक्ष शिव प्रकाश सिंह,शिवली कोतवाल राजेश कुमार सिंह, एसओजी प्रभारी प्रशांत गौतम,मैथा चौकी इंचार्ज ज्ञान प्रकाश पांडेय समेत 7 लोगों पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया था. वहीं जैसे ही मुकदमे दर्ज होने की जानकारी तत्कालीन रनिया थाना अध्यक्ष शिव प्रकाश को हुई तो वह उन्होंने साथ में मौजूद सहयोगी दरोगा को सीयूजी नंबर दिया और 5 मिनट में आने की बात कहते हुए सरकारी पिस्टल लेकर फरार हो गया. जब 24 घंटे बीत गए और वह वापस नहीं आए तो थाने में हड़कंप मच गया. पूरे मामले की जानकारी पुलिस अधीक्षक को दी गई. एसपी के निर्देश पर आसपास के जिलों में छापेमारी तेज कर दी गई. एक टीम तत्कालीन आरोपी थाना अध्यक्ष शिव प्रकाश के गृह जिला रायबरेली भेजी गई है. वहीं पुलिस विभाग सरकारी पिस्टल लेकर फरार होने का मुकदमा दर्ज करने की तैयारी कर रहा है.
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क्या था मामला
कानपुर देहात के थाना शिवली के अंतर्गत 6 दिसंबर को व्यापारी चंद्रभान के साथ हुई लूट की घटना के खुलासे में जुटी पुलिस टीम व एसओजी टीम ने संदेह के आधार पर 5 लोगों को हिरासत में लिया था,जिसमें लूट का शिकार हुए चंद्रभान का भतीजा बलवंत भी मौजूद था. वहीं पूछताछ के दौरान बलवंत की पुलिस की थर्ड डिग्री में मौत हो गई.आनन-फानन में पुलिस अधीक्षक सुनीति के निर्देश पर आरोपी पुलिसकर्मी सस्पेंड कर दिए गए और वहीं पुलिस अधीक्षक ने जांच के लिए एसआईटी भी गठित कर दी. इसी के साथ देर रात पांच पुलिसकर्मी सहित सात लोगों के ऊपर हत्या का मुकदमा भी दर्ज किया गया था.
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