Uttarakhand: साल 2013 में तबाही मचाने वाले चोराबारी ग्लेशियर के निकट टूटा बर्फ का पहाड़, बड़ी अनहोनी होते-होते बची
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Uttarakhand: साल 2013 में तबाही मचाने वाले चोराबारी ग्लेशियर के निकट टूटा बर्फ का पहाड़, बड़ी अनहोनी होते-होते बची

Uttarakhand News: केदानाथ से 5 किलोमीटर चोराबाड़ी के पास ग्लेशियर के कैच मेंट में एवलॉन्च है. आइए बताते हैं पूरा मामला...

Uttarakhand: साल 2013 में तबाही मचाने वाले चोराबारी ग्लेशियर के निकट टूटा बर्फ का पहाड़, बड़ी अनहोनी होते-होते बची

केदारनाथ: केदानाथ से पांच किलोमीटर चोराबाड़ी के पास ग्लेशियर के कैच मेंट में एवलॉन्च है. हालांकि, इससे अब तक नुकसान की कोई खबर नहीं है. वहीं, जिला प्रशासन पूरे हालात पर नजर बनाए हुए है. बता दें कि इलाके में 2 दिनों से लगातार बारिश हो रही है, जिसको लेकर सैलानी और दर्शनार्थी भी परेशान हैं. वहीं, आस-पास पहाड़ियों में लगातार बारिश से आम जन जीवन काफी प्रभावित हुआ है.

कल शाम हुआ ग्लेशियर के कैचमेंट में एवलॉन्च 
आपको बता दें कि केदारनाथ धाम में कल शाम लगभग साढ़े 6 बजे चोराबाड़ी ग्लेशियर के कैचमेंट में एवलॉन्च आया. जानकारी के मुताबिक केदारनाथ मंदिर के पीछे करीब 5 किलोमीटर की दूरी पर चोराबाड़ी ग्लेशियर है. धाम में कई दिनों से लगातार बारिश हो रही है. कल भी केदारनाथ धाम के आस-पास की पहाड़ियों पर बर्फबारी हुई थी. ऐसा बताया जा रहा है कि इसी वजह से ग्लेशियर टूटा है. ऐसा नहीं है कि यह  पहली बार है इससे पहले भी कई बार ग्लेशियर टूटने से इस इलाके में तबाही मच गई थी.

चोराबारी ग्लेशियर से साल 2013 में मची थी तबाही
आपको बता दें कि चोराबारी ग्लेशियर वही ग्लेशियर है, जिसने साल 2013 में केदारनाथ धाम में भारी तबाही मचाई थी. इस दौरान भी एवलॉन्च हुआ था. तब लोगों ने इसे मामूली घटना समझा था, जिसके बाद धीरे-धीरे वहां पर एक बड़ा पहाड़ नीचे आता दिखाई पड़ा, जिसके बाद लोगों को असल बात समझ में आई, तब तक तबाही का मंजर शुरू हो गया.

चोराबारी ग्लेशियर में बार फिर हलचल
केदारनाथ धाम के पीछे चोराबारी ग्लेशियर में बार फिर हलचल शुरू हुई है, जिसको लेकर तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई है. फिलहाल, प्रशासन इलाके में होने वाली हर छोटी बड़ी गतिविधि पर नजर बनाए हुए है. आखिरकार इतनी भारी संख्या में एवलॉन्च कैसे हुआ है. इसकी वजह का भी पता लगाया जा रहा है. आपको बता देंगे कुछ दिनों पहले मंदिर के गर्भगृह अंदर भक्तों का प्रवेश बंद कर दिया गया, जिसकी वजह इलाके में देश-विदेश से आने वाले भक्तों की बढ़ती संख्या को बताया गया था.

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