Kisan Andolan: 20 मार्च को किसानों की दिल्ली कूच की तैयारी, क्या गाजीपुर बॉर्डर एक बार फिर जाम होगा?
Kisan Andolan: 20 मार्च को किसानों की दिल्ली कूच की तैयारी है. ऐसे में सवाल ये उठ रहा है कि क्या गाजीपुर बॉर्डर एक बार फिर जाम होगा?
Kisan Andolan: 20 मार्च को एक बार फिर देश भर के किसान दिल्ली कूच कर रहे हैं.किसान महापंचायत में इसकी रणनीति शुक्रवार को मेरठ में बनी. इस महापंचायत में किसानों के ट्यूबेल पर बिजली के मीटर लगाए जाने, गन्ने का नया मूल्य घोषित करने के साथ गन्ने का बकाया भुगतान किए जाने जैसे मुद्दे पर चर्चा हुई.
पिछले दिनों संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने कुरुक्षेत्र में जुटे यूपी, पंजाब, हरियाणा सहित विभिन्न प्रदेशों से आए किसान संगठनों के पदाधिकारियों ने दोबारा आंदोलन शुरू करने की बात कही थी. स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने, कर्ज माफी, लखीमपुर मामले में केंद्रीय मंत्री को पद से हटाने, किसान आंदोलन के दौरान किसानों से किए वादे पूरे करने सहित एमएसपी को लागू करने की मांग एसकेएम ने रखी है. दिल्ली मार्च में अधिक से अधिक लोगों को शामिल कराने का आह्वान पिछले महीने मुजफ्फरनगर में हुई किसान महापंचायत में भी हुआ था. ऐसे में किसान संगठनों की दिल्ली कूच के लिए तैयारी देखकर वेस्ट यूपी से दिल्ली तक एक बार फिर कयास लगाए जा रहे हैं कि दिल्ली एक बार फिर अखाड़ा बनेगा? साथ ही क्या गाजीपुर बॉर्डर एक बार फिर जाम होगा?
हालांकि ये स्थिति फिलहाल साफ नहीं हो पाई है कि यह आंदोलन अनिश्चितकालीन होगा या नहीं?एसकेएम का कुरुक्षेत्र की बैठक के बाद बयान सामने आया था कि 20 मार्च से आंदोलन दोबारा शुरू करने का फैसला किया है. लाखों किसान देश भर से 20 मार्च को दिल्ली पहुंचेंगे. जिससे सभी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी और कर्ज माफी सहित अन्य लंबित मांगों को लेकर आंदोलन फिर से शुरू किया जा सके. बता दें कि एसकेएम नेता युद्धवीर सिंह ने मोर्चा ने 11 दिसंबर 2021 को अपना आंदोलन स्थगित किया. साथ ही किसानों ने कहा था कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे दोबारा आंदोलन शुरू करेंगे.
उन्होंने इसको लेकर कहा था कि 20 मार्च को सभी राज्यों के किसान पहुंचेंगे. अभी तय नहीं किया है कि आंदोलन अनिश्चितकालीन होगा या नहीं. अगला फैसला बैठक के बाद लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि किसानों की पूर्ण ऋण माफी, एमएसपी की गारंटी, बिजली (संशोधन) विधेयक 2022 को वापस लेना, आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा देना प्रमुख मांगे हैं.
बता दें कि गुरुवार से ही डेरा डालना मेरठ में शुक्रवार की महापंचायत के लिए किसानों ने शुरू कर दिया था.गुरुवार की रात को ही कमिश्नरी पार्कराकेश टिकैत भी पहुंचे थे. शुक्रवार सुबह होने वाली पंचायत की तैयारियों को राकेश टिकैत ने परखा. रैली में शामिल होने आए लोगों के वाहनों की एंट्री कमिश्नरी चौराहे पर कराई जा रही है. टिकैट परिवार को बम से उड़ाने की धमकी को ध्यान में रखते हुए कमिश्नरी चौराहे को पुलिस छावनी में बदल दिया गया है.